अलवर में आयोजित हुआ लोकरंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के कलाकारों ने दी प्रस्तुतियां
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अलवर में आयोजित हुआ लोकरंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के कलाकारों ने दी प्रस्तुतियां

अलवर जिले में लोक कला-संगीत, संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन एवं डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान के संयुक्त तत्वाधान में शनिवार शाम प्रताप ऑडिटोरियम में लोकरंग कार्यक्रम का आयोजन हुआ. 

अलवर में आयोजित हुआ लोकरंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के कलाकारों ने दी प्रस्तुतियां

Alwar: राजस्थान के अलवर जिले में लोक कला-संगीत, संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन एवं डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान के संयुक्त तत्वाधान में शनिवार शाम प्रताप ऑडिटोरियम में लोकरंग कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें तीन राज्यों के लोक कला और संगीत से जुड़े कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुति देकर उपस्थित जन समूह को मंत्र-मुग्ध कर सबका मन मोह लिया. 

लोक कला आधारित कार्यक्रमों के आयोजन को जिला स्तर तक प्रचारित करने के उद्देश्य के बारे में जानकारी देते हुए सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान की अध्यक्ष श्रेया गुहा ने बताया कि संस्कृति के अनेक आयामों को जीवित रखने और नई पीढ़ी के लोगों को इनसे जोड़ने के लिए इस प्रकार के आयोजन डेल्फिक काउंसिल द्वारा कराए जाते हैं. उन्होंने कहा कि कला, संस्कृति, धरोहर एवं लोक-संगीत की पहचान को प्रोत्साहन के लिए मंच प्रदान करने का कार्य कर रहीं ख्याति प्राप्त संस्थाओं में डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान का महत्वपूर्ण स्थान रहा है. 

उन्होंने डेल्फिक काउंसिल के इतिहास के बारे में भी विस्तार से बताया. कलेक्टर एवं डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान के सचिव डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने कहा कि लोक कलाओं पर आधारित कार्यक्रमों की श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए अलवर में लोकरंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. यह हम सभी के लिए खुशी का विषय है. 

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में विशेष रूप से पहली बार उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के लोक कलाकारों ने अपनी मनोरम प्रस्तुतियां दी हैं. इससे जिले में लोक कला-संगीत, संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति में लोक-संगीत की एक अलग पहचान है. वर्तमान परिवेश में धरातल से लुप्त होती लोककला, लोक गीतों एवं लोक वाद्य यंत्रों की संस्कृति को जीवित रखने और नई पीढ़ी के लोगों को इनसे जोड़ने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन कर जिले के पर्यटन को प्रमोट करने की दिशा में यह एक छोटा सा कदम है. 

उन्होंने कहा कि डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान निरंतर कला एवं संस्कृति से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है और प्रतिमाह एक ऑनलाइन और एक मंचीय कार्यक्रम इसके बैनर तले आयोजित किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि अलवर जिले को यहां की ऐतिहासिक, प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासत नायाब बनाती है. कलेक्टर ने लोक कलाकारों के साथ आत्मीयता से मुलाकात की और लोक-कलाकारों की हौसला अफजाई की यूआईटी की सचिव डॉ. मंजू और पर्यटन विभाग की सहायक निदेशक टीना यादव ने आगंतुकों का आभार जताया. 

इस दौरान लोकरंग कार्यक्रम में राहुल बागडी गु्रप ने हरियाणवी फांग नृत्य, अमरिन्दर सिंह राणा ने भांगडा एवं लीला देवी एंड ग्रुप ने तेरहताली नृत्य की प्रस्तुति दी. साथ हीं कार्यक्रम में एवी फिल्म डेल्फिक परिषद का प्रदर्शन, आजादी का अमृत महोत्सव क्लिप और अलवर पर्यटन क्लिप दिखाई गई. इस अवसर पर एडीएम प्रथम अखिलेश कुमार पिपल, एडीएम द्वितीय वन्दना खोरवाल, एडीएम शहर ओ.पी सहारण सहित समस्त जिला स्तरीय अधिकारी एवं बडी संख्या में आमजन की उपस्थिति रहे. 

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