अलवर: बाबा लाल दास का मेला 4 जून को,पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद
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अलवर: बाबा लाल दास का मेला 4 जून को,पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद

अलवर न्यूज: बाबा लाल दास का मेला 4 जून को भरा जा रहा है. इस मेले को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. इस दौरान श्रद्धालु  अपनी मन्नतें मांगते हैं.

अलवर: बाबा लाल दास का मेला 4 जून को,पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद

Alwar: राजस्थान के सिंह द्वार मेवात क्षेत्र सिद्ध व संतों की तपोभूमि रही है. अलवर नगर को अनेकों मनीषियों ने अपनी कर्मभूमि, तपोभूमि के रूप में अपनाया. ऐसे ही एक महान संत रहे बाबा श्री 108 श्रीलालदास महाराज. संत शिरोमणी श्री लालदास महाराज का जन्म अलवर जिले के धौलीदूब अंचल में 1597 सवंत में सन् 1540 ई. में श्रावण कृष्ण पक्ष की पंचमी को हुआ था. 

पांच वर्ष की शैशव अवस्था तक संत लालदास ने भगवान विष्णु के अंश में अर्न्तमुखी रहकर, ध्याानवस्था में रहकर भगवान का चिंतन मनन किया. भगवान का जप तप स्मरण करना, जंगल से सूखी लकड़ी बटोर कर बेचना व परिवार का पालन पोषण करना ही उनके जीवन का लक्ष्य रहा.

बाबा लाल दास का मेला 4 जून को 

बाबा लाल दास का मेला 4 जून को भरा जा रहा है. इस मेले में राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश ,दिल्ली ,पंजाब सहित कई प्रांतों के करीब एक लाख श्रद्धालु बाबा के दरबार में आते हैं और मत्था टेकते है. और अपनी मन्नतें मांगते हैं. 

इस मेले को देखते हुए जहां मेला कमेटी ने पूरे बंदोबस्त किए हैं. वहीं पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद है और श्रद्धालुओं में इस दिन का इतना उत्साह है कि नोगावा से बाबा लाल दास मंदिर करीब 5 किलोमीटर दूर पड़ता है. ऐसे में छोटे-बड़े बच्चे ,बुजुर्ग ,महिलाएं दंडोति देकर लोगों से बाबा लाल दास मंदिर तक पहुंचते हैं. मंदिर कमेटी के अध्यक्ष रवि कपूर ने बताया कि साल में 3 बार यह मेला भरता है. जुलाई में जन्म उत्सव मनाया जाता है.

जून में मेला भरता है और होली पर मेला भरता है. इस मेले में लाखों श्रद्धालु कई प्रांतों से आते हैं.मेला कमेटी की ओर से सभी व्यवस्थाएं की जाती है. यहां श्रद्धालु आकर भंडारा करते है और इस बाबा के दरबार में 200 सेवक है जो मेले के दिन अपनी पूरी सेवाएं देते हैं.

मंदिर सांप्रदायिक एकता का प्रतीक

इधर पुजारी ने बताया कि 5000 साल पुराना ये मंदिर सांप्रदायिक एकता का प्रतीक है और यहां पर जितने भी श्रद्धालु आते हैं. मन्नतें मांगते है. मन्नतें पूरी होने पर भंडारा करते हैं.दान दक्षिणा देते है. जब मेला होता है उसी दिन पहले बाबा का दरबार सजता है.जागरण होता है. भंडारा होता है और प्रसाद वितरण होता है.इसके अलावा बाबा के चादर चढ़ाते हैं.

इधर नौगावा के थाना प्रभारी सुनील टांक ने बताया कि इस मेले में व्यवस्था के लिए 100 पुलिसकर्मी तैनात किए हैं. जिसमें आरएसी के 65 जवान लगाए गए है. बाकी का स्टाफ पुलिस लाइन से लगाया गया है. ज्यादातर वही स्टाफ होता है जो यहां पर पूर्व में कार्य कर चुके है. ,क्योंकि उन्हें यहां के इलाके का पता होता है और इस मेले में करीब एक श्रद्धालु भाग लेते है. भाग ले रहे है. और स्पेशल वर्दी में भी जवान तैनात किए गए हैं.पुलिस प्रशासन की ओर से यहां सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त की गई है.

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