Alwar: नई तकनीक से तैयार किए सोलर सिस्टम, अब सरिस्का के जलाशयों में भरा जा रहा पानी
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Alwar: नई तकनीक से तैयार किए सोलर सिस्टम, अब सरिस्का के जलाशयों में भरा जा रहा पानी

Alwar: अलवर के सरिस्का बाघ अभ्यारण में वन्यजीवों के लिए पानी की उपलब्धता और पानी सप्लाई के लिए वाटर सोलर पंप लगाए गए हैं.जिनके द्वारा जलापूर्ति दिन प्रतिदिन जारी है.वन्यजीव सुरक्षित रहते हुए वन क्षेत्र में ही विचरण करते है.वही सोलर वाटर पंप द्वारा पानी के लिए सरिस्का अभ्यारण में खोदे गए नलकूपों से आसानी से पानी निकाला जा रहा है.    

 

Alwar: नई तकनीक से तैयार किए सोलर सिस्टम, अब सरिस्का के जलाशयों में भरा जा रहा पानी

Alwar: अलवर के सारिसका से खबर है,बिन पानी सब सून वाली कहावत आम प्रचलन में है.चाहे मनुष्य हो,पशु-पक्षी हों या वनस्पति हो सभी के लिए पानी की जरूरत है.खासतौर से गर्मी के दिनों में पानी की ज्यादा जरूरत होती है.अलवर जिले के विश्वविख्यात सरिस्का बाघ अभ्यारण में खासतौर से वन्य जीवों के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए एनजीओ आईसीआईसीआई फाउंडेशन द्वारा नई तकनीक से बने सोलर सिस्टम द्वारा पानी की व्यवस्था जंगल में की गई है.जिससे अब सरिस्का के अधिकतर वाटर होलो में पूरे साल पानी बना रहता है. 

वन्यजीव सरिस्का से बाहर नहीं जाते हैं
इस सोलर पैनल का सबसे बड़ा फायदा ये है कि पानी की तलाश में वन्यजीव सरिस्का से बाहर नहीं जाते हैं. और 40 से 42 डिग्री टेंपरेचर में भी आसानी से वन्यजीव जंगल में विचरण करते रहते हैं. जिससे उनकी जान को कोई खतरा नहीं रहता है.अलवर के सरिस्का बाघ परियोजना स्थित जलाशयों में गर्मियों के समय पानी का अभाव रहता है. जिसको देखते हुए और आने वाले समय में वन्यजीवों को पानी की आवश्यकता के अनुसार सरिस्का जंगल में जगह जगह सोलर सिस्टम पैनल लाइट के द्वारा सरिस्का में स्थित जलाशयो में पानी भरा जा रहा है. 

अब तक 17 सोलर पंप लगाए जा चुके 
सरिस्का में विगत लगभग तीन साल में अब तक 17 सोलर पंप लगाए जा चुके हैं. जिससे कि वन्यजीवों को जंगल में आसानी से पानी मिल सके और पानी के लिए इधर-उधर भटकना ना पड़े. वन्य जीवों की टेरिटरी में ही पानी उपलब्ध हो जाता है. वन्य जीवो को पानी के लिए अपनी टेरीटरी नहीं छोड़नी पड़ती है. इससे वन्य जीवो में एक फायदा भी हुआ कि कई बार दूसरी टेरीटरी में वन्यजीव के जाते ही उनमें संघर्ष हो जाता है. जिसमे वन्य जीव की जान भी जा सकती है. ऐसे में अब लगभग वो संघर्ष भी रुक सा गया.

आईसीआईसीआई फाउंडेशन द्वारा सरिस्का में सोलर सिस्टम लाइट पैनल लगाई गई है.यह सोलर लाइट रिमोट द्वारा भी संचालित है. और इसकी रेंज भी कई किलोमीटर दूरी तक की रहती है. विशेष सिम लगाई गई है.सरिस्क के सीसीएफ रूप नारायण मीणा ने बताया कि गर्मी के मौसम में सरिस्का में वाटर होल सूख जाते हैं. जिसमें वन्यजीवों को काफी परेशानी होती है. 

ऐसे में पानी की व्यवस्था के लिए आईसीआईसीआई फाउंडेशन पिछले कई साल से वन्यजीवों को पानी उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहा है और इस फाउंडेशन के सहयोग से सोलर सिस्टम लगाया गया है ,जो वाटर मैनेजमेंट के लिए काफी सहयोगी साबित हो रहे हैं.जिसका लाभ सरिस्का के वन्यजीवों को मिल रहा है.पानी के अभाव में सरिस्का के जो वन्यजीव रास्ता भटक कर बाहर चले जाते थे वह अब बाहर नहीं जा पाते है. और सरिस्का के जंगल में ही रहते है.

वो जानवर अब पूरी तरह सुरक्षित हैं. उन्होंने बताया कि पानी के अभाव में जब वह बाहर जाते थे तो कई बार शिकार होने का डर रहता था. लेकिन पानी के लिए अब उन्हें सरिस्का से बाहर नहीं जा पा रहे है. जिससे वन्यजीवों की जान भी सुरक्षित है.

इधर सरिस्का के उप वन संरक्षक डीपी जगावत ने बताया कि आईसीआईसी फाउंडेशन के द्वारा विगत दो-तीन साल से जल स्रोतों में पानी भरने के लिए सोलर पंप लगाए गए है. .जिससे सरिस्का के जल स्रोतों में पानी की उपलब्धता पूरे साल रहती है .पानी के लिए जो वन्यजीवों का भटकाव होता था वह नहीं होता है. सरिस्का में वाटर मैनेजमेंट के लिए सोलर पंप इस तरह लगाए गए है. कि जो सरिस्का के चारों तरफ और मध्य में वाटर और आसानी से भरे जा सकते हैं. 

सोलर पंप लगाया गया 
करीब 5-6 किलोमीटर के एरिया में एक बड़े वाटर हो. पर एक सोलर पंप लगाया गया है. जिससे पास का वाटरहोल तो भरता ही है इसके अलावा उसको आसपास के छोटे वाटर हो. से भी जोड़ा गया है और छोटे वाटर होलो में भी पाइपों के जरिए पानी आसानी से पहुंच जाता है. उन्होंने बताया कि इस सोलर पंप में सबसे खास बात यह है कि सिम कार्ड लगी हुई है इसे कभी भी स्टार्ट किया जा सकता है. और कभी भी बंद. इसके लिए यह जरूरी नहीं है कि मौके पर ही जाकर इसे बंद किया जाए .आप दूर बैठकर भी रिमोट के द्वारा इसको बंद कर सकते है. जिससे वाटर हो. 

बाहर पलायन नहीं करना पड़ता
भरने के बाद पानी की वेस्टेज नहीं हो. जिससे जलाशयो में वर्ष भर पानी रहता है और सरिस्का से अब वन्यजीवों को प्यास लगने पर पानी के लिए गांव की ओर सरिस्का से बाहर पलायन नहीं करना पड़ता. सरिस्का के सीसीएफ ,डीएफओ व सदर रेंजर द्वारा जलाशयों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है. और पानी की व्यवस्था की जानकारी लेते हैं.

जिससे कि वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए यह सोलर लाइट की पहल काफी अच्छी साबित हो रही है.अभी और सोलर पंप लगाए जाने की संभावना है जिससे छूटा एरिया भी कवर हो जाए. क्योंकि सरिस्का लगभग 900 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है.सरिस्का में 200 से ज्यादा वाटर हो. हैं.सरिस्का में 25 टाइगर, 100 से अधिक पेंथर है. इसके अलावा एक दर्जन से अधिक प्रजाति के वन्य जीव मोजूद है. अब चार भालू भी लाए गए हैं.

Reporter- Swadeshkapil 

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