Alwar news: ग्राम पंचायत तिलवाड़ा के मनरेगा श्रमिकों ने बुधवार को पंचायत समिति कार्यालय पर मनरेगा में कम भुगतान मिलने को लेकर प्रदर्शन किया.मनरेगा कार्मिकों ने आरोप लगाया कि 9 दिन तक सड़क का निर्माण कार्य किया था. लेकिन उन्हें 6 और 7 कार्य दिवस का भुगतान किया गया है.
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Alwar news: पंचायत समिति की ग्राम पंचायत तिलवाड़ा के मनरेगा श्रमिकों ने बुधवार को पंचायत समिति कार्यालय पर मनरेगा में कम भुगतान मिलने को लेकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन से नाराज कार्मिकों ने मनरेगा कर्मियों को लताड़ लगाकर वहां से भगा दिया. मनरेगा कार्मिक भजनलाल, ने आरोप लगाया है कि उनके द्वारा मनरेगा में 9 दिन तक सड़क का निर्माण कार्य किया था. लेकिन उन्हें 6 और 7 कार्य दिवस का भुगतान किया गया है. जो कि गलत है. सीमा मेट के द्वारा मौके पर उनकी ऑनलाइन ऐप के माध्यम से हाजिरी भी ली गई थी.
उनके द्वारा पूरे 9 दिवस सड़क पर कार्य किया गया था. जब वह पंचायत समिति पहुंचे वहां उन्होंने प्रदर्शन किया. जिसके बाद उन्हें पंचायत समिति में आने पर अगली बार मनरेगा में कार्य नहीं देने तक की बात भी कही और वहां से उन्हें लताड़ लगाकर ही भगा दिया. मामले के संबंध में विकास अधिकारी बच्चू सिंह मीणा से बात की तो उन्होंने फोन काट दिया और कोई जवाब नहीं दिया.
निरीक्षण करने नहीं जाते थे अधिकारी
मनरेगा कार्मिकों ने आरोप लगाया कि कनिष्ठ तकनीकी सहायक, कनिष्ठ सहायक और कनिष्ठ अभियंता एक भी दिन मौके पर सड़क पर चल रहे मनरेगा कार्य को चेक करने के लिए नहीं पहुंचे. उन्होंने पंचायत समिति कार्यालय में बैठकर ही सड़क की नपाई तुलाई कर कार्य की माप पुस्तिका बना दी. जिसके कारण उन्हें कम भुगतान मिला है.ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कनिष्ठ सहायक की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत मुख्यालय पर बैठने की होती है. लेकिन वह ग्राम पंचायत मुख्यालय पर नहीं रहते हैं. वह यदा-कदा ही कार्यालय पर आते हैं ना ही उन्हें किसी भी काम की जानकारी है. वह अधिकतर समय अपने घर रहते हैं.
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आने थे 1600 मिले 1275
मनरेगा कार्मिकों ने आरोप लगाया कि उनके द्वारा 8 दिन कार्य किया गया था. जिसके 16 सो रुपए हमें मिलने चाहिए थे . लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही के चलते हमें 1275 रुपए मिले मनरेगा में कुल 30 श्रमिको के द्वारा कार्य किया गया था.
बाबूलाल मीणा कनिष्ठ सहायक तिलवाड ने बताया की मेट की लापरवाही के चलते हाजरी ऑनलाइन नहीं हुई थी. मनरेगा कर्मियों से जानकारी करेंगे. मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है.
सीमा मेट ने बताया की हमारे द्वारा ऑनलाइन हाजरी की गई थी. सड़क की माप कम भेजी गई है. जिसके कारण मनरेगा के कार्य के कार्मिकों को कम भुगतान हुआ है. सड़क को चेक करने के लिए मौके पर कोई भी नहीं आया था. ना ही उसकी पैमाइश की गई थी.