राजस्थान के अलवर में धोबी गट्ठा स्थित दाई की गुमटी पर प्राचीन शिव मंदिर और हनुमान मंदिर का सेना द्वारा फेंसिंग कर तारबंदी करते हुए रास्ता बंद करने को लेकर स्थानीय लोगों में भारी रोष है.
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Alwar: राजस्थान के अलवर में धोबी गट्ठा स्थित दाई की गुमटी पर प्राचीन शिव मंदिर और हनुमान मंदिर का सेना द्वारा फेंसिंग कर तारबंदी करते हुए रास्ता बंद करने को लेकर स्थानीय लोगों में भारी रोष है. मंदिर का रास्ता खुलवाने की मांग को लेकर सोमवार को स्थानीय महिला एवं पुरुष और बालक हनुमान के प्रतीकात्मक स्वरूप बंद कर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और जिला कलेक्टर सभागार के बाहर धरने पर बैठ कर मंदिर का रास्ता खुलवाने की मांग करने लगे. महिलाओं ने मौके पर ही घंटी बजा कर और धार्मिक गीत गाकर जिला प्रशासन के आगे अपना विरोध जताया.
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स्थानीय पार्षद रमेश सैनी ने बताया कि धोबी गट्टा स्थित दाई की गुमटी पर प्राचीन शिव और हनुमान मंदिर है उस मंदिर के रास्ते को पिछले 2 साल से आर्मी ने तारबंदी करते हुए बंद कर दिया. ऐसे में स्थानीय लोगों को पूजा करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में मौके पर काफी दिनों से स्थानीय लोगों ने धरना शुरू कर रखा है. अभी कुछ दिन पूर्व मौके पर जिला प्रशासन और आर्मी के अधिकारी लोगों से वार्ता करने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे और लोगों को आश्वासन दिया कि 10 दिन में मंदिर का रास्ता खुलवा दिया जाएगा लेकिन अभी तक आर्मी की ओर से मंदिर के रास्ते पर की गई तारबंदी को नहीं खोला गया है.
मंदिर का रास्ता खुलवाने को लेकर स्थानीय लोग कई बार जिला कलेक्टर कार्यालय आकर अधिकारियों को ज्ञापन के माध्यम से अवगत करवा चुके लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासन ने आज तक मंदिर का रास्ता नहीं खुलवाया इससे स्थानीय लोगों में भारी रोष है इस रोष के चलते आज सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और पुरुष दोबारा से छोटे बच्चों को हनुमान के प्रतीकात्मक स्वरूप बंद कर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और जिला कलेक्टर सभागार के बाहर धरने पर बैठ गए महिलाओं ने हाथों में घंटी बजा कर और धार्मिक गीत गाकर जिला प्रशासन के सामने अपना विरोध जताया.
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रमेश सैनी पार्षद वार्ड नंबर तीन
इस मामले की सूचना मिलते ही कार्यवाहक जिला कलेक्टर वंदना खोरवाल स्थानीय लोगों से वार्ता करने के लिए पहुंची और लोगों से वार्ता की उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिस जगह मंदिर है उस जगह आर्मी का क्षेत्र है और आर्मी द्वारा मंदिर के रास्ते पर तारबंदी की गई है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के हाथ में भी नहीं है क्योंकि यह डिफेंस से जुड़ा हुआ मामला है. इसलिए उन्होंने 5 सदस्य लोगों की टीम का गठन किया है.
इस टीम में एसडीएम एडीएम सिटी दो स्थानीय पार्षद और एक स्थानीय व्यक्ति को शामिल किया गया है. यह टीम मौके पर जाकर जांच करेगी और 10 दिन में जांच कर कमेटी अपनी रिपोर्ट प्रशासन के समक्ष पेश करेगी.
Reporter: Jugal Gandhi