Rajasthan News: राजस्थान के भिवाड़ी जिले में उस समय अफरातफरी मच गई, जब दिल्ली पुलिस और एटीएस के साथ-साथ राजस्थान पुलिस की टीम भारी पुलिस बल के साथ भिवाड़ी जिले के सारेकलां गांव के जंगल में पहुंची. पढ़िए खबर विस्तार से...
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Alwar News: राजस्थान के भिवाड़ी जिले में उस समय अफरातफरी मच गई, जब दिल्ली पुलिस और एटीएस के साथ-साथ राजस्थान पुलिस की टीम भारी पुलिस बल के साथ भिवाड़ी जिले के सारेकलां गांव के जंगल में पहुंची. सुरक्षा एजेंसी को इस जंगल में अल-कायदा के आतंकी मॉड्यूल के नेटवर्क होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद टीमें सतर्क हुई और आतंकी नेटवर्क को दबोचने के लिए निकल गुई.
एटीएस और दिल्ली के हाथ लीग कमियाबी
एटीएस और दिल्ली पुलिस की टीम को भिवाड़ी जिले के सारेकलां गांव के जंगलों में खूंखार आतंकी अल-कायदा के नेटवर्क होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद टीम मौके पर पहुंची. जहां से टीम ने इंडियन सब कॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) के छह आतंकियों को दबोचा है. मिली जानकारी के मुताबिक सुरक्षा एजेंसी को मौके से नाश्ते के लिएय समोसा भारी मात्रा में पानी की बोतलें और अन्य सामान पड़ा मिला.
घने जंगल में आतंकियों का ट्रेनिंग सेंटर
नाश्ते के सामान मिलने के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि अलकायदा के आतंकवादी किसी बड़े हमले को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे और यह सभी यही ठहरते थे. इसके अलावा एक आतंकी का मौके से फरार होना बताया जा रहा है. वहीं दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और एटीएस की टीम फरार आतंकी की तलाश में जुटी हुई है.
ट्रेनिंग कैम्प में मिले सबूत
बता दें कि दिल्ली पुलिस को मौके से राजधानी दिल्ली का पता लिखा हुआ एक कार्टन मिला है. इसके अलावा गांव के लोगों का कहना है कि उन्हें इस मामले में किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं है. उन्हें कभी भी जंगल में पशुओं को चराते हुए गोलियों की आवाज नहीं सुनाई दी है और न ही इस स्थान पर किसी भी बाहरी व्यक्ति को आते-जाते भी नहीं देखा है.
सुरक्षा एजेंसियां बारीकी से कर रही जांच
मिली जानकारी के मुताबिक आतंवादी जंगल में ही ट्रेनिंग करते थे. उन्होंने घने जंगल में ठहरने के लिए टेंट लगा रखे थे. आतंकियों ने झरने के नजदीक ही पनाह ले रखी थी, जिससे उन्हें पानी के लिए कहीं दूर और जंगल से बाहर न जाना पड़े. वहीं आतंकी जंगल में गुपचुप तरीके से समोसे का भी इंतजाम कर रहे थे.
पुलिस की जानकारी के मुताबिक ट्रेनिंग के दौरान गोलियों की आवाज न आए. इसके लिए उन्होंने घने जंगलों को चुना. पुलिस का ऐसा भी कहना है कि लोगों की आवाजाही कम होने के बाद ही आतंकी यहां ट्रेनिंग करते थे. वहीं दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और एटीएस की टीम इलाके की बारीकी से जांच कर रही है.