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Photos: देवशयनी एकादशी पर माता जानकी के हुए भगवान जगन्नाथ, हजारों लोग बने वरमाला के साक्षी

Alwar News: अलवर के पौराणिक और ऐतिहासिक जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव के तहत तीसरे दिन देवशयनी एकादशी के पावन पर्व पर अलवर में बुधवार रात 11 बजे भगवान जगन्नाथ और माता जानकी का विवाह वरमाला महोत्सव का आयोजन किया गया. रूपबास स्थित रूप हरी मंदिर में बड़े धूमधाम से हुए इस आयोजन के हजारों श्रद्धालु साक्षी बने. 

 

माता जानकी और जगन्नाथ का पाणिग्रहण संस्कार

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माता जानकी और जगन्नाथ का पाणिग्रहण संस्कार

मेला स्थल पर तीसरे दिन भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा महोत्सव के तहत माता जानकी और जगन्नाथ का पाणिग्रहण संस्कार वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न हुआ. साथ ही विधि-विधान के साथ उनको फेरों पर ले जाया गया. इस मौके पर पौराणिक विधि-विधान के साथ वरमाला कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. 

 

भक्तों ने पुष्प वर्षा की

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भक्तों ने पुष्प वर्षा की

भगवान की अद्भुत झांकी की एक झलक पाने के लिए श्रदालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा. जानकी मैया और जय जगदीश के जयकारे मंदिर परिसर में गूंज उठे. गाजे बाजे के साथ जानकी माता की सवारी पहुंची. इस मौके पर भक्तों ने पुष्प वर्षा की.

कंपनी बाग से परंपरागत भेजी गई

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कंपनी बाग से परंपरागत भेजी गई

मंदिर महंत धर्मेंद्र शर्मा, राजेंद्र शर्मा, पुष्पेंद्र शर्मा ने बताया कि आज भगवान जगन्नाथ जी महाराज का विवाह संपन्न हुआ है. भगवान जगन्नाथ जी महाराज और माता जानकी के विवाह समारोह में इत्र कन्नौज से चांदी की दो वरमाला बजाज बाजार अलवर, दिल्ली, छत्तीसगढ़, वृंदावन से कमल के फूलों की वरमाला मंगाई गई है. कंपनी बाग से परंपरागत भेजी गई. वही तुलसी की वरमाला अलवर के सभी भक्तों की ओर से आई है. जानकी जी को जनवासे से गाजे बाजे के साथ लाया गया और विवाह संपन्न कराया गया.

 

मेले का काफी अच्छा इंतजाम किया गया था

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मेले का काफी अच्छा इंतजाम किया गया था

उन्होंने बताया कि अबकी बार जिला प्रशासन की ओर से मेले का काफी अच्छा इंतजाम किया गया था. श्रद्धालुओं को मेले में आने के लिए किसी भी तरह की कोई परेशानी का सामना करना नहीं पड़ा. इस मौके पर जिला प्रशासन की ओर से राजकीय अवकाश भी घोषित किया हुआ है और शुक्रवार शाम को भगवान जगन्नाथ जानकी जी को दुल्हन रूप में घराती बारातियों को लेकर रूप हरि मंदिर रूपवास से वापस जगन्नाथ मंदिर पुराना कटला पहुंचेंगे.