यहां राजशाही काल से चला आ रहा पशु चिकित्सालय, नौकरशाही में बदहाली का शिकार
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यहां राजशाही काल से चला आ रहा पशु चिकित्सालय, नौकरशाही में बदहाली का शिकार

भवन के क्षतिग्रस्त होने का दूसरा बड़ा कारण नगर परिषद द्वारा संचालित रैन बसेरा एवं इंदिरा रसोई का कचरा पीछे की दीवार के साथ एकत्र हो जाने से एवं गंदा पानी का समुचित निकास नहीं होने से दीवारों को क्षति पहुंच रही है.

यहां राजशाही काल से चला आ रहा पशु चिकित्सालय, नौकरशाही में बदहाली का शिकार

Alwar: राजशाही काल से चला आ रहा पशु चिकित्सालय नौकरशाही में बदहाली का शिकार हो रहा है. स्टेट समय के इस चिकित्सालय की भूमि, शहरीकरण के बढ़ते कारणों से अब सिकुड़कर महज चार सौ गज के आस पास हो गई. बहुउद्देशीय प्रथम श्रेणी के इस चिकित्सालय का स्टेट समय का हिस्सा खण्डरहाल है तो पशु चिकित्सक कक्ष एवं औषधी कक्ष की छत की आरसीसी झड़ कर गिरने लगी है.

ऐसे हालातों में जब वर्षा की शुरूआत होने को है इस चिकित्सालय की छत कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है. इस छत के हालातों को देखते हुए पशु चिकित्सक एवं स्टॉफ अपने आप को असुरक्षा के बीच काम करने में असहजता महसूस कर रहे हैं.

भवन के क्षतिग्रस्त होने का दूसरा बड़ा कारण नगर परिषद द्वारा संचालित रैन बसेरा एवं इंदिरा रसोई का कचरा पीछे की दीवार के साथ एकत्र हो जाने से एवं गंदा पानी का समुचित निकास नहीं होने से दीवारों को क्षति पहुंच रही है. इस समस्या के निस्तारण कराए जाने की शिकायत भी नगर परिषद को देने के बाद कोई कार्रवाई नहीं किया जाना चिंता का कारण बना हुआ है. नगर विकास न्यास इस पशु चिकित्सालय की भूमि अधिग्रहण कर अपने वादे पर खरा नहीं उतरने से राजतंत्र में बना यह पशु चिकित्सालय अब खण्डर हाल है. 

सौ साल से अधिक समय तक अलवर पशुओं की चिकित्सा सेवा करने वाले इस पशु चिकित्सालय को ऐतिहासिक धरोहर के रूप में सहजना तो दूर, इसकी मरम्मत तक का पैसा सरकार के पास नहीं है. ऐसे में किसी बड़े हादसे के बाद ही शायद प्रशासन की नींद खुले. वहीं पशु चिकित्सक सरजीत सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया विभाग के अधिकारियों को इस चिकित्सालय भवन के हालातों से अवगत कराया जा चुका है.

यूं तो यह चिकित्सालय स्टेट समय का बना हुआ है भूमि का अधिग्रहण नगर विकास न्यास ने कर यह चिकित्सालय भवन वर्ष 1990 में यूआईटी द्वारा बनवाया गया था. वर्षा के दौरान इस छत से आरसीसी के मसाले का बड़ा हिस्सा झड़ कर गिर चुका है, राहत की बात यह है कि चूना मसाला गिरने के दौरान उस जगह कोई नहीं था अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था. वहीं नगर परिषद के बनाए भवन में संचालित इंदिरा रसोई का कचरा एवं गंदा पानी निकास नहीं होने से चिकित्सालय की दीवार वाला हिस्सा कचरे से अटा पड़ा है. सफाई नहीं होने की दशा में हालात ज्यादा बिगड़ सकते हैं.

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