राजस्थान हाई कोर्ट में अवमानना का एक दिलचस्प मामला आया है. उस मामले में सरपंच ने पंचायत सहायक को यह कहते हुए, सेवा में लेने से इनकार कर दिया कि यदि अदालती आदेश की पालना में कर्मचारी को सेवा में लिया गया तो, इससे ग्राम सभा के आदेश की अवहेलना हो जाएगी.
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Alwar: राजस्थान हाई कोर्ट में अवमानना का एक दिलचस्प मामला आया है. उस मामले में सरपंच ने पंचायत सहायक को यह कहते हुए, सेवा में लेने से इनकार कर दिया कि यदि अदालती आदेश की पालना में कर्मचारी को सेवा में लिया गया तो, इससे ग्राम सभा के आदेश की अवहेलना हो जाएगी. हाईकोर्ट ने अब मामले में बानसूर के नयाबास ग्राम पंचायत की इस सरपंच रामेश्वरी देवी को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जस्टिस अनूप ढंड ने यह आदेश अशोक भाटी की अवमानना याचिका पर दिया है.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता नयाबास ग्राम पंचायत, बानसूर में पंचायत सहायक के पद पर कार्यरत था. ग्राम सभा की 13 नवंबर 2021 बैठक में लिए गए प्रस्ताव के आधार पर उसे पद से हटा दिया गया. वहीं गत 20 मई को हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को पद से हटाने पर रोक लगा दी. वहीं स्थानीय सरपंच ने विकास अधिकारी को पत्र लिखकर कहा कि पंचायत कार्यों के प्रति घोर लापरवाही बरतने और स्वेच्छा से अनुपस्थित रहने पर ग्राम सभा के प्रस्ताव पर उसे हटाया गया है.
ऐसे में यदि उसे अदालती आदेश की पालना में कार्य ग्रहण कराया गया तो इससे ग्राम सभा के आदेश की अवहेलना होती है. इसलिए इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश और मार्गदर्शन दिया जाए. याचिका में कहा गया कि विकास अधिकारी ने पूर्व में याचिकाकर्ता को सेवा में लेने को कहा था, लेकिन सरपंच ने जानबूझकर अदालती आदेश की अवमानना करते हुए, ग्राम सभा के प्रस्ताव को हाईकोर्ट के आदेश के ऊपर माना लिया. इसलिए दोषी सरपंच पर अवमानना की कार्रवाई अमल में लाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने सरपंच को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
Reporter - Mahesh Pareek
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