Rajasthan: 3 दिसंबर को अगर BJP को मिला बहुमत तो ये 5 नेता है मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1981928

Rajasthan: 3 दिसंबर को अगर BJP को मिला बहुमत तो ये 5 नेता है मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे

राजस्थान में विधानसभा चुनाव के मतदान 25 नवंबर को संपन्न हो चुके हैं और अब सबको इंतजार 3 दिसंबर का है, जब चुनावी नतीजे आएंगे और इसके साथ ही तस्वीर साफ हो जाएगी कि प्रदेश में राज बदलेगा या रिवाज.

Rajasthan: 3 दिसंबर को अगर BJP को मिला बहुमत तो ये 5 नेता है मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे

Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के मतदान 25 नवंबर को संपन्न हो चुके हैं और अब सबको इंतजार 3 दिसंबर का है, जब चुनावी नतीजे आएंगे और इसके साथ ही तस्वीर साफ हो जाएगी कि प्रदेश में राज बदलेगा या रिवाज. दरअसल प्रदेश में जनता जनार्दन ने जमकर मतदान किया और पहली बार मतदान प्रतिशत 75 फ़ीसदी के पर पहुंचा. जहां इस बंपर मतदान से भाजपा को कई उम्मीदें हैं तो वहीं इस बंपर मतदान में महिलाओं की बड़ी भागीदारी ने कांग्रेस की भी उम्मीदें बढ़ा दी है. 

वहीं अगर राजस्थान में राज बदलता है और रिवाज कायम रहता है तो भाजपा की सरकार बन सकती है ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर मुख्यमंत्री कौन होगा. इस चुनाव में भाजपा ने वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री फेस डिक्लेअर ना करके सस्पेंस बढ़ा दिया है, ऐसे में दीया कुमारी से लेकर गजेंद्र सिंह शेखावत और सतीश पूनिया से लेकर बाबा बालक नाथ समेत तमाम बड़े चेहरे इस रेस में बने हुए हैं. 

वसुंधरा राजे

अगर भाजपा सत्ता में वापसी करती है तो मुख्यमंत्री पद की सबसे प्रबल दावेदार वसुंधरा राजे ही है, वसुंधरा राजे प्रदेश की दो बार मुखिया रह चुकी है और साथ ही सबसे लोकप्रिय नेता भी है. सियासी पंडितों का दावा है कि अगर भाजपा 100 या 110 के फेरे में फंसती है तो निश्चित तौर पर वसुंधरा राजे ही फिर से सूबे की कमान संभालेंगे. 

दीया कुमारी

राजस्थान विधानसभा चुनाव में महारानी के बाद सबसे ज्यादा अगर किसी की चर्चा रही तो वह राजकुमारी की थी, जयपुर राजघराने से संबंध रखने वाली भाजपा सांसद दीया कुमारी जयपुर की विद्याधर नगर सीट से चुनावी मैदान में है. इस सीट से वसुंधरा राजे के बेहद करीबी रह चुके नरपत सिंह का टिकट काटा गया था, वहीं लगातार सियासी जानकार दीया कुमारी को वसुंधरा राजे का विकल्प बता रहे हैं, ऐसे में दीया कुमारी की भी बड़ी दावेदारी मानी जा रही है.

सतीश पूनिया

जाट समुदाय से आने वाले सतीश पूनिया का नाम भी लंबे अरसे से मुख्यमंत्री की रेस में चल रहा है, अगर भाजपा प्रदेश में सरकार बनाने में कामयाब होती है तो पार्टी आलाकमान उन्हें यह दायित्व सौंप सकता है. सतीश पूनिया संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और इस कार्यकाल के दौरान उप नेता प्रतिपक्ष का भी दायित्व निभाया है, वह जयपुर की ही आमेर सीट से चुनावी मैदान में है.

बाबा बालक नाथ

अलवर से सांसद महंत बालक नाथ का नाम भी चुनावी समर में मुख्यमंत्री के रेस में चल रहा है. सियासी पंडितों का मानना है कि अगर भाजपा उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अगर योगी को मुख्यमंत्री बना देती है तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. आपको बता दें कि यादव समुदाय से संबंध रखने वाले महंत योगी बालक नाथ मस्तनाथ मठ के आठवें महंत है. 

गजेंद्र सिंह शेखावत

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत यूं तो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन लगातार शेखावत को सरकार और संगठन में अहम भूमिका दी जा रही है. शेखावत की टिकट बंटवारे में भी खूब चली. ऐसे में सियासी एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर भाजपा को बहुमत मिलता है तो पार्टी शेखावत को केंद्र से राज्य की सत्ता में भेज सकती है.

कुल मिलाकर भाजपा में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार हैं, लेकिन जनता जनार्दन सत्ता की चाबी किसे सौंपती है और कौन मुख्यमंत्री बनता है यह भविष्य के गर्भ में है. ऐसे में 3 दिसंबर तक कयासबाजी का दौरा जारी रहेगा.

यह भी पढ़ें-

पोकरण में बारिश के बाद शीत लहर का कहर, सूर्य भगवान के दर्शन नहीं हुए

Rajasthan Weather Update: सतर्क रहें राजस्थान के लोग, इन जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी

Trending news