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Kirodi Lal Meena - Aasha Meena: सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर किरोडी लाल मीणा का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें डॉक्टर किरोडी लाल मीणा भाजपा से बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी ताल ठोकने वाली आशा मीणा से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने व आशा मीणा की जूतियां सर पर रखने की बात कहते हुए सुनाई दे रहे है. वायरल वीडियो एक चुनावी सभा का बताया जा रहा है. वायरल वीडियो में डॉक्टर किरोडी कह रहे है कि मैं आप सब के बीच में आशा जी से प्राथना करना चाहूंगा कि मेरी 72 साल की उम्र हो गई है, 75 साल की उम्र में हमें रिटायर्ड कर देते है, 77 साल में मेरा रिटायरमेंट हो जाएगा, अब मेरा काम पांच साल का ही है. जब में पांच साल बाद 77 साल का हो जाऊंगा तो खाट में पड़ा-पड़ा खुल खुल करता रहूंगा.
आशा जी से में आप सब के बीच में प्राथना करना चाहूंगा कि आप चुनाव ना लड़े. विरोधियों के बहकावे में मत आओ, विरोधियों के फैलाये भ्रम जाल से निकलों में सार्वजनिक रूप से प्राथना करूंगा और अगर कोई गलती हुई हो तो मांफी माँगूंगा, आप कार्यक्रताओं के साथ लगें पार्टी के साथ लगे, यहां कमल के फूल का डंका बजेगा ,में तो यहाँ से दो बार चुनाव हार गया हूं. मेरा जैसा आदमी यहाँ से दो बार चुनाव हार गया, मैंने तो यह भी तय कर रखा है कि में आशा जी के पैर पकड़ लूंगा फिर भी नहीं मानी तो में उनकी जूती सर पर रख लूंगा.
डॉक्टर किरोडी के इस वायरल वीडियो के कई मायने निकाले जा रहे हैं, कहा जा रहा है कि आशा मीणा के भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने से किरोडी की मुश्किलें बढ़ गई है, आशा मीणा ने मीणा समाज एंव दिग्गज नेता किरोडी की जमीन हिला दी है ,ऐसे में किरोडी का यह वीडियो जितना भावुक है उतना ही राजनीति से प्रेरित भी है. वहीं अगर देखा जाए तो किरोडी बाबा इस वायरल वीडियो में बोल रहे अपनी बातों से मीणा समुदाय को साधने का प्रयास भी कर रहे है.
मीणा मतदाताओं को साधने का यह किरोडी बाबा का मास्टर स्ट्रोक भी माना जा रहा है, क्योंकी आशा के चुनाव लड़ने से मीणा समाज दो धड़ों में बटा नजर आ रहा है. ऐसे में किरोडी बाबा हर वो पैंतरा आजम रहे है जो उन्हें जीत की दहलीज़ तक ले जा सके. लेकिन यह बात तो तय है कि किरोडी बाबा की यह भाषा इस बात को साबित करती है कि या तो किरोडी बाबा भावुक होकर संयमित भाषा बोल रहे है या मीणा समाज को जोड़ने के लिए अपना मास्टर स्ट्रोक चल रहे है. किरोडी मंझे हुए राजनेता है इस लिए उनके द्वारा कही गई बातों को समझना किसी के लिए इतना आसान भी नहीं है. जितना कि आसान लगता है. अब चुनावों में किसे जीत मिलती है और किसे हार नसीब होती है. यह तय आना वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना जरूर है कि सवाई माधोपुर सीट से विधानसभा पहुंचने की राह इतनी भी आसान नहीं है.
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