Nawalgarh Vidhansabha Seat : 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से राजकुमार शर्मा ही प्रबल दावेदार हैं, तो वहीं बीजेपी में एक लंबी फेहरिस्त है. वहीं प्रतिभा सिंह का रूख अभी साफ नहीं है. जानें नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र का चुनावी इतिहास...
Trending Photos
Nawalgarh Vidhansabha Seat : शेखावाटी के नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र का इतिहास बेहद रोचक रहा है. यूं तो यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन वक्त-बे-वक्त निर्दलीयों और बागियों ने इस सीट पर कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी की है. वहीं आज तक के इतिहास में बीजेपी इस सीट से एक बार भी जीत हासिल करने में कामयाब नहीं हो सकी है. इस सीट पर लंबे वक्त तक कांग्रेस के कद्दावर नेता शीशराम ओला का प्रभाव रहा है. हालांकि शीशराम ओला ने इस सीट से कभी भी चुनाव नहीं लड़ा. मौजूदा वक्त में इसी पर डॉ. राजकुमार शर्मा का वर्चस्व दिखाई पड़ता है.
नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से पहले विधायक ठाकुर भीम सिंह चुने गए थे, तो वहीं यहां से सबसे ज्यादा जीत का रिकॉर्ड भंवर सिंह शेखावत के नाम है. नवलगढ़ से पांच बार विधायक रहे भंवर सिंह चार बार कांग्रेस और एक बार निर्दलीय विधायक रह चुके हैं. इसके अलावा लगातार तीन बार जीत का पहला रिकॉर्ड भी भंवर सिंह शेखावत ने ही बनाया था. शेखावत 1972 में पहली बार विधायक बने और फिर 1980 से 1993 तक लगातार तीन बार जीत कर विधानसभा पहुंचे. उनकी हैट्रिक जीत के रिकॉर्ड की बराबरी बाद में डॉ. राजकुमार शर्मा ने ही की. राजकुमार शर्मा पहले बसपा, फिर निर्दलीय और उसके बाद कांग्रेस के टिकट पर जीत कर विधानसभा पहुंचे. राजकुमार शर्मा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी नेताओं में शुमार है और उन्हें मुख्यमंत्री सलाहकार भी बनाया गया.
नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा आबादी जाट समाज की है. इसके बाद यहां अल्पसंख्यक, सैनी और अनुसूचित जाति के मतदाताओं की भी बड़ी संख्या है. साथ ही ब्राह्मण, गुर्जर और कुम्हार यहां अपना प्रभाव रखते हैं.
2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से राजकुमार शर्मा ही प्रबल दावेदार हैं, तो वहीं बीजेपी में एक लंबी फेहरिस्त है. बीजेपी से सांसद नरेंद्र कुमार की पुत्रवुध और जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरि, पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले विक्रम सिंह जाखल, शिक्षाविद् डॉ. वीरपाल सिंह शेखावत, राजेश कटेवा, गिरधारीलाल इंदोरिया, डॉ. सुमन कुलहरि, ओमेंद्र चारण, मंजू सैनी टिकट की दावेदारी जता रहे हैं. इसके अलावा आरएलपी और बसपा भी चुनावी ताल ठोक सकती है. वहीं प्रतिभा सिंह का रूख अभी साफ नहीं है. यहां का मुख्य मुद्दा सीमेंट फैक्ट्री में स्थानीय लोगों को रोजगार और कुंभाराम कैनाल से मीठे पानी की आपूर्ति का है.
1951 के विधानसभा चुनाव में राम राज्य परिषद की ओर से ठाकुर भीम सिंह चुनावी मैदान में उतरे तो वहीं कांग्रेस ने हरलाल सिंह को चुनावी मैदान में उतारा. इस चुनाव में राम राज्य परिषद के ठाकुर भीम सिंह की जीत हुई और उन्हें 10,896 मत मिले जबकि कांग्रेस के हरलाल सिंह 8,846 मत ही हासिल कर सके और इसके साथ ही ठाकुर भीम सिंह नवलगढ़ के पहले विधायक चुने गए.
1957 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने विद्याधर कुल्हारी को टिकट दिया तो वहीं निर्दलीय के तौर पर श्री राम चुनावी मैदान में उतरे. वहीं कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से ज्ञान प्रकाश ने भी ताल ठोका. इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार श्री राम की 10,313 मतों से जीत हुई जबकि कांग्रेस को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी और विद्याधर को हार का सामना करना पड़ा.
1962 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बदलते हुए भीम सिंह को चुनावी मैदान में उतारा तो वहीं निर्दलीय के तौर पर हरि सिंह ने ताल ठोका. इस चुनाव में हरि सिंह 7,172 मत पाकर चुनाव हार गए तो वहीं भीम सिंह 14,083 वोटों के साथ जीते और उसके साथ ही इस सीट से पहली दफा कांग्रेस का खाता खुला.
1967 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से केश्वर देव चुनावी मैदान में उतरे तो वहीं स्वराज पार्टी ने सांवरमल बसोतिया को टिकट दिया. इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार 15,161 मत ही हासिल कर सके जबकि स्वराज पार्टी के साबरमल बसोतिया 18,728 मतों से विजयी हुए.
1972 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बदला और भंवर सिंह शेखावत को टिकट दिया तो वहीं निर्दलीय के तौर पर साबरमल बसोतिया चुनावी मैदान में उतरे. इस चुनाव में तत्कालीन विधायक साबरमल बसोदिया को नवलगढ़ की जनता ने 15,025 मत दिए तो वहीं कांग्रेस के भंवर सिंह शेखावत को बंपर 26,151 मतों से जिताया.
1977 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने फिर से भंवर सिंह शेखावत को टिकट दिया तो वहीं जनता पार्टी की ओर से नवरंग सिंह चुनावी मैदान में उतरे. वहीं निर्दलीय के तौर पर केश्वर देव ने ताल ठोकी. इस चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा और भंवर सिंह शेखावत 16% मत ही हासिल कर सके, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार केश्वर देव को 31 फ़ीसदी से ज्यादा मतदाताओं का साथ मिला तो वहीं 34 फ़ीसदी मतों के साथ जनता पार्टी के नवरंग सिंह 17,420 मत पाने में कामयाब हुए और उनकी जीत हुई.
1980 के विधानसभा चुनाव में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की ओर से भंवर सिंह एक बार फिर चुनावी ताल ठोकने उतरे तो वहीं नवरंग सिंह को जनता पार्टी सेकुलर की ओर से टिकट मिला. यह बेहद ही करीबी मुकाबला रहा. इस चुनाव में जनता पार्टी सेकुलर के नवरंग सिंह को 21,093 मत मिले तो वहीं कांग्रेस के भंवर सिंह 21.261 मतों के साथ जितने में कामयाब हुए और कांग्रेस ने कमबैक किया.
1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने फिर से भंवर सिंह शेखावत को ही टिकट दिया तो वहीं इस चुनाव में नवरंग सिंह ने लोक दल के टिकट पर चुनावी ताल ठोकी. चुनाव में कांग्रेस के भंवर सिंह को 35,819 मत मिले तो लोक दल के नवरंग सिंह जितने में एक बार फिर कामयाब हुए और उन्हें 37,434 मत मिले और उसके साथ ही नवरंग सिंह दूसरी बार नवलगढ़ से विधायक चुने गए.
1990 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पिछले चुनाव में मिली करारी शिकस्त को देखते हुए उम्मीदवार बदला और कांग्रेस के दिग्गज नेता शीशराम ओला के करीबी प्रतिभा सिंह को टिकट दिया गया. इस चुनाव में जनता दल की ओर से नवरंग सिंह चुनावी मैदान में उतरे तो वहीं इस चुनाव में बसपा ने भी किस्मत आजमाया और भाला राम को टिकट दिया. वहीं निर्दलीय के तौर पर भंवर सिंह शेखावत उतरे. इस चुनाव में कांग्रेस जमानत बचाने में भी कामयाब ना हो सकी और उसे सिर्फ चार प्रतिशत मत मिले. जबकि बसपा को 16 फ़ीसदी जनता का साथ मिला. वहीं मुख्य मुकाबला नवरंग सिंह और भंवर सिंह शेखावत के बीच देखने को मिला. नवरंग सिंह को 37,021 मत मिले तो वही भंवर सिंह शेखावत 37,894 मत पाने में कामयाब हुए और इसके साथ ही भंवर सिंह शेखावत की इस चुनाव में जीत हुई.
1993 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी पिछली गलती से सबक लिया और एक बार फिर भंवर सिंह शेखावत को टिकट दिया तो वहीं जनता दल की ओर से चंद्रभान चुनावी मैदान में उतरे. इस चुनाव में जनता दल के चंद्रभान को 26,900 मत मिले तो वहीं कांग्रेस के भंवर सिंह 30,688 मतों के साथ कांग्रेस की वापसी कराने में कामयाब हुए.
1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर भंवर सिंह शेखावत को ही टिकट दिया तो वहीं कांग्रेस से बागी होकर प्रतिभा सिंह ने निर्दलीय ही ताल ठोक दी. इस चुनाव में प्रतिभा सिंह को 31,668 मत मिले तो वहीं कांग्रेस के भंवर सिंह 35,827 मत पाने में कामयाब हुए और उसके साथ ही उन्होंने जीत की हैट्रिक लगाई.
2003 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर मुख्य मुकाबला भंवर सिंह शेखावत बनाम प्रतिभा सिंह देखने को मिला. इस चुनाव में भी भंवर सिंह शेखावत कांग्रेस के टिकट से चुनावी मैदान में उतरे तो वहीं बागी प्रतिभा सिंह ने निर्दलीय ही ताल ठोका. इस चुनाव में प्रतिभा सिंह 55,384 मत हासिल करने में कामयाब हुई और उसके साथ ही प्रतिभा सिंह ने भंवर सिंह शेखावत का विजयी रथ रोक दिया. वहीं भंवर सिंह शेखावत 38,888 मत ही हासिल कर सके.
2008 के विधानसभा चुनाव में चुनाव से पहले भंवर सिंह शेखावत का निधन हो गया. लिहाजा ऐसे में प्रतिभा सिंह की एक बार फिर कांग्रेस में वापसी हुई और शीशराम ओला के करीबी होने की वजह से उन्हें इस चुनाव में एक बार फिर टिकट मिला, जबकि बसपा ने इस चुनाव को एक बार फिर त्रिकोणीय बना दिया. इस सीट से बसपा ने डॉ. राजकुमार शर्मा को टिकट दिया. चुनावी नतीजे आए तो युवा नेता राजकुमार शर्मा 50,273 मतों से विजयी हुए, जबकि कांग्रेस की प्रतिभा सिंह को करारी हार का सामना करना पड़ा और उन्हें महज 36,193 मत मिले. इसके साथ ही नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में एक युवा चेहरे का उदय हुआ. हालांकि बाद में राजकुमार शर्मा कांग्रेस में शामिल हो गए और गहलोत सरकार में मंत्री भी बने.
2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर प्रतिभा सिंह को ही टिकट दिया. वहीं बीजेपी की ओर से जगदीश प्रसाद चुनावी मैदान में उतरे, तो राजकुमार शर्मा ने अब की बार निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतरने का ठाना. चुनाव में नवलगढ़ की 47% से ज्यादा जनता का समर्थन राजकुमार शर्मा को प्राप्त हुआ और उन्हें 76,845 मत मिले तो वहीं उनकी सबसे करीबी प्रतिद्वंद्वी प्रतिभा सिंह महज 43,279 मत हासिल कर सकीं. वहीं भाजपा तीसरे स्थान पर रही.
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नवलगढ़ के समीकरण को समझा और राजकुमार शर्मा को टिकट दिया जबकि बीजेपी की ओर से रवि सैनी चुनावी मैदान में उतरे. वहीं निर्दलीय के तौर पर विक्रम सिंह जाखल भी अपनी किस्मत आजमाने उतरे. इस चुनाव में प्रतिभा सिंह ने हनुमान बेनीवाल की RLP से चुनाव लड़ा. चुनावी नतीजे आए तो डॉ. राजकुमार शर्मा को 79,570 मत मिले और उसके साथ ही राजकुमार शर्मा ने नवलगढ़ से जीत की हैट्रिक लगाई. वहीं 23.% मतो के साथ बीजेपी दूसरे और निर्दलीय उम्मीदवार विक्रम सिंह 21% मतों के साथ तीसरे जबकि प्रतिभा सिंह चौथे स्थान पर रहीं.
ये भी पढ़ें-
क्या भूकंप चांद पर भी आता है, ये है NASA का जवाब
Viral Snake Video: चारों तरफ से कस के लपेटा और सांप ने दूसरे सांप को निगला, देखिए वीडियो