Rajasthan Mangarh Dham: राजस्थान में विधानसभा चुनाव आ रहे हैं, ऐसे में राजस्थान का मानगढ़ बीजेपी और कांग्रेस के लिए सुपर लोकेशन बना हुआ है, मानगढ़ का जितना महत्व धार्मिक रूप से है, उतना ही महत्व राजनीतिक रूप से भी है. क्योंकि यहां एक नहीं बल्कि तीन राज्यों के वोटर्स को साधा जा सकता है.
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Rajasthan Mangarh Dham: ये राजस्थान का बांसवाड़ा जिले का मानगढ़ है, जिसे पॉलीटिकल सुपर लोकेशन भी कहते हैं. दरअसल इसे पॉलीटिकल सुपर लोकेशन इसलिए कहते हैं क्योंकि यहां से सिर्फ राजस्थान नहीं बल्कि एमपी और गुजरात के वोटर्स को भी साधा जा सकता है. यहां से चुनावी सभा करने का मतलब एक तीर से तीन निशानें लगाना है.
राजस्थान के साथ-साथ एमपी, गुजरात के वोटर्स को भी साधना है. शायद इसीलिए यहां पीएम मोदी और अशोक गहलोत दोनों काफी सक्रिय रहते हैं.अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग की है. यहीं से यहां की सियासत की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है. यहां से गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान की कुल 100 विधान सभा सीटें प्रभावित होती हैं.
पिछले विधानसभा में मानगढ़ क्षेत्र से ज्यादा सीटे कांग्रेस के खाते में नहीं गईं थी. यहां से बीजेपी को फायदा मिला था. इसलिए इसबार कांग्रेस भी मानगढ़ को लेकर काफी संजीदा है. सीएम अशोक गहलोत की मानगढ़ पर विशेष नजर है. पूर्व के चुनाव में यहां से एमपी के खाते में अधिक सीटें गईं थी.
राजस्थान का मानगढ़ तीन राज्यों के लिए काफी अहम है, आपको बता दें कि इस क्षेत्र में गुजरात की 27, राजस्थान की 25 और मध्यप्रदेश की 48 सीटें आती हैं. यहां की सभी सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. जानकारों कि मानें तो इन राज्यों की 35 से 40 लोकसभा सीटों पर आदिवासी समुदाय का प्रभाव है. बाजी कौन मारेगा ये तय यही आदिवासी करते हैं. इसलिए यहां के आदिवासी सियासी मायने में वोट के लिए दोनों पार्टी के लिए गेंम चेंजर्स हैं.अब मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव पर तैयारी शुरू हो गई है
मानगढ़ को लेकर सीएम अशोक गहलोत किसी भी प्रकार की चूक नहीं करना चाह रहे हैं.बीते दिन उन्होंने मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग की है. सीएम ने कहा कि इसके लिए राजस्थान सरकार कई सालों से प्रयासरत है.
पीएम मोदी भी यहां आए थे लेकिन इस विषय पर कुछ नहीं बोले. लेकिन केंद्र के सहयोग न करने के बाद भी राजस्थान सरकार मानगढ़ का मान बढ़ाएगी.मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति-जनजाति विकास कोष की राशि 100-100 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 500-500 करोड़ रुपए करने का प्रावधान किया गया है.
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