Baran News: बारां के शाहाबाद क्षेत्र के जंगल से खैर की लकड़ी की बड़े पैमाने पर तस्करी की जा रही है. लंबे समय से खैर तस्करी माफिया सक्रिय है.
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Baran News: बारां के शाहाबाद क्षेत्र के जंगल से खैर की लकड़ी की बड़े पैमाने पर तस्करी की जा रही है. लंबे समय से खैर तस्करी माफिया सक्रिय है. वन विभाग टीम ने बीलखेड़ा डांग के जंगल से खैर की लकड़ी भरकर ले जा रहे ट्रक को पकड़ा है. वहीं ट्रक को एस्कार्ट कर रही कार जब्त करते हुए चार चार तस्करों को गिरफ्तार किया है.
एसीएफ हफीज मोहम्मद ने बताया कि मुखबिर के जरिए जंगल से लकड़ी तस्करी की सूचना मिली थी. इसके बाद कार्रवाई के लिए विशेष प्लान बनाकर विभिन्न वन नाकों के सहायक वनपाल, वनकर्मियों व जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे. इस दौरान बिलखेड़ा डांग के जंगल में तस्कर खैर की कटी हुई लकड़ी को ट्रक में भरवाकर ले जाने की तैयारी में थे. वहीं कार सवार तस्कर वहां निगरानी बनाए हुए थे. मौके पर कार्रवाई के लिए पहुंची टीम को देखकर लकड़ियां भर रहे कुछ लोग भाग निकलें. लेकिन वन विभाग की टीम ने लकड़ी तस्करी के आरोपी इशाक मोहम्मद उर्फ आसिफ, सलमान, साहिल खान उर्फ गोलू, अवदेश चंदेल को मौके से गिरफ्तार कर लिया है. वहीं आरोपियों के कब्जे से ट्रक व एस्कार्ट कर रही कार को भी जब्त किया है.
एसीएफ ने बताया कि आरोपियों के लंबे समय से लकड़ियां तस्करी करने की शिकायत मिल रही थी . इसको लेकर कार्रवाई के लिए टीम ने कार्रवाई की कोशिश भी लेकिन सफलता नहीं मिल पाई थी. ऐसे में टीम ने विशेष योजना के साथ कार्रवाई कर आरोपी तस्करों को पकड़ लिया है. प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे जंगल से काटने के बाद खैर की लकड़ी तस्करी कर झालावाड़ ले जाने की तैयारी कर रहे थे. आरोपियो के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.
शाहाबाद क्षेत्र में दुर्लभ पेड़ पाए जाते हैं. जिनका लगातार कटान हो रहा है. खोह में पत्थरों को ढोने के लिए रात-दिन ट्रैक्टर ट्रॉलियां चलाई जा रही हैं. लेकिन राजनितिक संरक्षण के चलते तस्करों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है. लोगों का आरोप है कि रविवार को भी पकड़े गए तस्कर किसी प्रभावीशाली व्यक्ति के संरक्षण में तस्करी कर रहे है. लेकिन विभाग की ओर से उस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. ऐसे में विभाग की ओर से कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है. है. जंगल में अवैध वनों के कटान व तस्करी के मुख्य सरगनाओं पर कार्रवाई तक नहीं की जा रही है. लोगों ने जिले के एकमात्र दुर्लभ जंगल को बचाने के लिए सुरक्षा इंतजाम दुरुस्त करने की गुहार लगाई है