Baran News: बारिश-ओलावृष्टि ने बर्बाद की रबी की पैदावार, खेतों में पसरी अफीम को देख रो पड़े किसान

Baran News: बारां के छीपाबड़ौद क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से बिगड़े मौसम के मिजाज ने धरतीपुत्रों की उम्मीदों पर एक बार फिर कुठाराघात किया है. कड़ी मेहनत एवं सुरक्षा के साथ खेतों में तैयार की अफीम की फसल में चीरा लगाने का काम शुरु होने के साथ ही चली तेज हवाओं ने खेतों में फसल के बिछोने लगा दिए. सारी मेहनत को ढेर होता देख काश्तकार पेशोपेश में आ गए. जिन्होंने चीरा लगाया ही था, उनके साथ तो सिर मुंंडाते ही ओले पड़ने वाली कहावत चरितार्थ हो गई. जबकि शेष काश्तकार भी अब डूबती को तिनके का सहारा लेने के लिए विभागीय शरण में जाने की तैयारियों में जुटने की तैयारी मे लग गए हैं. 

 

1/6

तैयार की जाएगी नुकसान की रिपोर्ट

baran news heavy rain hailstorm ruined rabi afeem crops read more1/6

नॉरकोटिक्स विभाग के जिला अफीम अधिकारी आर के रजत ने बताया कि कोटा मंडल में विभाग की नई सीपीएस नीति सहित कोटा और बारां जिले के मिलाकर कुल 6225 लाइसेंस जारी किए हैं. इनमें भी लगभग आठ सौ से अधिक लाइसेंस कोटा जिले में है. शेष लाइसेंस बारां जिले के छबड़ा, छीपाबड़ौद और अटरु तहसील में हैं. इनमें भी केवल 1700 लाइसेंस ही चीरा योग्य है. इन दिनों प्राकृतिक आपदा से फसल में व्यापक खराबा होने की सूचना मिल रही है. उनके पास काश्तकारों से क्या सूचना आती है, उसकी सामूहिक रिपोर्ट के आधार पर नुकसान की रिपोर्ट तैयार होकर पॉलिसी आती है, जिसके आधार पर ही काश्कारों को रियायत की जाती है. बाकि तो विभागीय निगरानी में नष्टीकरण के लिए आवेदन लेकर राहत दी जाती है.

2/6

विभाग से राहत की मांग

baran news heavy rain hailstorm ruined rabi afeem crops read more2/6

किसी प्राकृतिक आपदा या अन्य कारणों से डोडों में चीरा नहीं लगाने पर फसल को विभागीय निगरानी में नष्ट करवाकर लाइसेंस को बहाल रखने की कवायद की जाती है लेकिन चीरा लगाने के उपरांत एक निर्धारित मात्रा में अफीम का दूध संचित करके विभाग को तौल कराना पड़ता है. ऐसे हालात में अब काश्तकार औसत पूरा नहीं हो पाने के कारण विभाग से राहत की मांग को लेकर शरण में जाने की तैयारी करने लगा है.