बाड़मेर न्यूज: बिपरजॉय चक्रवर्ती तूफान को लेकर बाड़मेर में अलर्ट जारी कर दिया गया है. इसी वजह से प्रशासन ने 5 हजार लोगों को शिफ्ट कर दिया है. वहीं सेना और एसडीआरएफ क्यूआरटी टीमें भी तैनात हैं.
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बाड़मेर: चक्रवर्ती तूफान बिपरजॉय का बाड़मेर जिले में प्रवेश करने से पहले ही असर देखने को मिल रहा है. गुरुवार शाम 5:00 बजे के बाद से ही जिले भर में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है. धोरीमन्ना इलाके में 57 एमएम बारिश दर्ज की गई है.
चक्रवर्ती तूफान के संभावित खतरे को देखते हुए बाड़मेर जिला प्रशासन ने कच्ची बस्ती व जलभराव वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया है. प्रशासन ने अब तक 4 से 5000 लोगों को शिफ्ट किया है. वहीं नगर परिषद में रेत के कट्टे भरने का अभियान भी तेज कर दिया है.
सेना और एसडीआरएफ क्यूआरटी टीमें तैनात
बाड़मेर जिले के सीमावर्ती बाखासर सेड़वा चौहटन धोरीमन्ना इलाके में सेना व एसडीआरएफ क्यूआरटी टीमों अलर्ट मोड पर तैनात किया गया है.इस आपदा के संभावित खतरे से निपटने के लिए सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है और सैन्य अधिकारियों ने बाड़मेर जिले के सबसे बड़े लिग्नाइट आधारित विद्युत उत्पादन के राज्य पावर प्लांट का दौरा किया,और पूरे प्लांट का निरीक्षण कर राज वेस्ट के अधिकारियों से जानकारी ली.
बाड़मेर जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने बताया कि लगातार मौसम की पल-पल बदलती अपडेट पर नजर रखी हुई है और जिले के समस्त एसडीएम तहसीलदार सहित अन्य मशीनरी को भी अपने क्षेत्रों में अलर्ट पर रखा गया है.
आंगनवाड़ी केंद्रों में भी 2 दिन अवकाश
सरकार की ओर से बिपर जॉय तूफान को लेकर दो आरएस अधिकारियों को बाड़मेर भेजा गया है. जिनको भी अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी जा रही हैं. वहीं जिला कलेक्टर ने जिले भर के आंगनवाड़ी केंद्रों में भी 2 दिन के लिए अवकाश घोषित कर दिया है.
जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने बताया कि अगले 36 घंटे बाड़मेर जिले के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है और मौसम विभाग ने बाड़मेर जिले में शुक्रवार और शनिवार 2 दिन रेड अलर्ट जारी कर अति भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है.
6 से 7 घंटे बाद चक्रवर्ती तूफान बाड़मेर जिले में प्रवेश करने की संभावना है जिसको लेकर प्रशासन लगातार आमजन के साथ मवेशियों का भी नुकसान नहीं हो. उसके लिए पूरी तरीके से मुस्तैद है. लोगों से भी भयमुक्त होकर अपने घरों में सतर्क रहने की अपील की है.बाड़मेर शहर के जलभराव वाले इलाकों में नगर परिषद की ओर से मिट्टी के कट्टे भर कर पहुंचाए जा रहे हैं.
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