चौहटन में चिकित्सा संस्थानों पर मनाया गया पीएमएसएमए, गर्भवती महिलाओं की हुई स्वास्थ्य जांच
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1251154

चौहटन में चिकित्सा संस्थानों पर मनाया गया पीएमएसएमए, गर्भवती महिलाओं की हुई स्वास्थ्य जांच

बाड़मेर जिले में मातृ व शिशु मृत्युदर में कमी लाने एवं प्रत्येक गर्भवती महिला को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रत्येक माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान आयोजित किया गया. 

चौहटन में चिकित्सा संस्थानों पर मनाया गया पीएमएसएमए, गर्भवती महिलाओं की हुई स्वास्थ्य जांच

Choutan:  बाड़मेर जिले में मातृ व शिशु मृत्युदर में कमी लाने एवं प्रत्येक गर्भवती महिला को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रत्येक माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान आयोजित किया गया. इसी कड़ी में शनिवार को चिकित्सा संस्थानों पर पीएमएसएमए मनाया गया . जिसमें गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकों व स्त्रीरोग विशेषज्ञों की देखरेख में प्रसवपूर्व स्वास्थ्य जांच एवं परामर्श की नि:शुल्क सेवाएं उपलब्ध कराई गई.

यह भ ी पढ़ें - पीएचसी भाड्खा को मिला एनक्यूएएस अवार्ड, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का किया वादा

सीएमएचओ डॉ. बाबूलाल बिश्नोई ने बताया कि, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस पर जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं को सेवाएं दी जा रही हैं. शनिवार को जिला अस्पताल सहित सीएचसी, पीएचसी व यूपीएचसी पर गर्भवती महिलाओं की विशेष जांच की गई . अभियान के दौरान प्रसव पूर्व जांच की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सीएमएचो डॉ बिश्नोई एवं जिला स्तरीय अधिकारियों सहित खण्ड अधिकारी चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण किया . 

सीएम्एचओ ने बताया कि, इस दिवस पर महिलाओं का रक्तचाप, शर्करा के स्तर, वजन, हीमोग्लोबिन परीक्षण, रक्त परीक्षण, एचआईवी जांच सहित अन्य जांच की जाएंगी. वहीं आवश्यक दवा निशुल्क उपलब्ध करवाई जाएंगी और उन्हें जागरूक किया जाएगा. अभियान का मुख्य उद्देशय गर्भवती महिलाओं के लिए एक स्वस्थ जीवन प्रदान करना है. इसके साथ ही मातृत्व मृत्यु दर को कम करना, गर्भवती महिलाओं को रोगों, उपचार एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है जिससे बच्चे के स्वस्थ्य जीवन के साथ ही सुरक्षित प्रसव को सुनिश्चित किया जा सके. 

जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी ने बताया कि अभियान के दौरान गर्भवती महिला का हाई रिस्क प्रेगनेंसी चिन्हित होने के बाद कम से कम तीन एएनसी जांच चिकित्सक अथवा स्त्री रोग विषेषज्ञ द्वारा करवाने पर तथा एक बार उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिला चिन्हित होने के उपरांत प्रसव एवं प्रसव पश्चात 45 दिनों तक हाई रिस्क मानते हुए ट्रेकिंग करने पर आशा सहयोगिनियों को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. 

अपने जिले की सभी खबरों के लिए यहां क्लिक करें.

Trending news