बाड़मेर जिले के प्रतिबंधित इलाके में बॉर्डर की जमीनें बाहरी लोगों को बेच दी गईं, जिसकी जांच के लिए कलेक्टर टीना डाबी को जिम्मेदारी दी गई है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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Rajasthan News: राजस्थान के बाड़मेर जिले के प्रतिबंधित इलाके में बॉर्डर की जमीनें बाहरी लोगों को बेच दी गईं. कहा जा रहा है कि बॉर्डर की जमीनें बिकवाने का ये गेम रामसर एसडीएम अनिल जैन और उसके घरवालों ने मिलकर खेला है.
बताया जा रहा है कि प्रतिबंधित इलाके में 2350 बीघा जमीन बेची गई है. इसे केस को लेकर बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी को जांच की जिम्मेदारी दी गई है.
वहीं, कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने इस केस को लेकर कहा कि कोई शिकायत मिली है तो उसकी जांच करवाई जाएं. इस मामले की जांच-पड़ताल कलेक्टर टीना डाबी कर रही हैं. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
बाड़मेर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में जमीन का एक बड़ा घोटाला सामने आया है. यह मामाला जिले के प्रतिबंधित एरिया की जमीनें बाहरी लोगों को बेचने का है. आरोप लगाया जा रहा है कि प्रतिबंधित एरिया की जमीनें बिकवाने का ये काम जिले के रामसर एसडीएम ने अपने परिजनो के साथ रचा है. इसको लेकर कैबिनेट मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री जोराराम कुमावत का कहना है कि इस मामले की जांच कलेक्टर टीना डाबी कर रही हैं.
वहीं, एसडीएम अनिल जैन का कहना है कि जमीन की खरीद-फरोख्त हुई होगी या उन्होंने जमीन ली होगी, ये उनका व्यापार है. 40 साल से उनके पिता यही काम कर रहे हैं. सीलिंग एक्ट से अधिक जमीन ली तो उसे बेच दी. उनके पास कोई जमीन नहीं है और मेरा नाम रजिस्ट्री में है, तो बताएं. उनका कहना है कि कुछ भी गलत नहीं हुआ है.