निगम ने मन्दिर परिसर में ही जनता क्लीनिक बनाने के लिए चलाया बुलडोजर तो विरोध में स्थानीय लोग उतर गए. प्रशासन की कार्रवाई लोगों ने जन भावनाओं के खिलाफ बताया. इसके बाद नगर निगम ने बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता बुला लिया.
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भरतपुर: नगर निगम दिल्ली की तर्ज पर अब शहर में जनता क्लीनिक के लिए भवन तैयार कर रहा है, जहां लोगों का प्राथमिक उपचार हो सकेगा, लेकिन नगर निगम प्रशासन की इस प्रयास का पहले ही दिन विरोध देखने को मिला. विवाद को देखते हुए पुलिस बुलानी पड़ी और अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया गया. नगर निगम का दस्ता आज जब शहर के सरकूलर रोड काली की बगीची के पास स्थित रैगर मोहल्ले में जनता क्लिनिक बनाने के लिए स्थान चिन्हित करने पहुंचा तो लोगों ने इसका विरोध कर दिया.
निगम दस्ता जिस जमीन पर इसका निर्माण करने जा रहा है उसी जमीन पर पहले से ही सन्त रविदास का मंदिर बना हुआ है. इस मंदिर परिसर में जब निगम ने अपना बुलडोजर चलाया तो लोग विरोध में उतर आए और नारेबाजी करने लगे. यह विरोध तब और बढ़ गया जब नगर निगम द्बारा बगीची के बाहर लगा संत रवि दास मंदिर के नाम का लगा बोर्ड हटा दिया तो लोगों में और ज्यादा नाराजगी हो गई.
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नगर निगम की जमीन पर लोगों ने संत रविदास की मूर्ति बना डाली
रैगर मोहल्ले के लोग नगर निगम का विरोध करने लगे, क्योंकि रैगर मोहल्ले के लोगों ने उस जमीन पर संत रविदास मूर्ति, भगवान शिव शंकर का परिवार और देवताओं के थान बनाए हुए थे. हालांकि, यह जमीन नगर निगम की है और नगर निगम इस जमीन का थोड़ा हिस्सा लेकर जनता क्लिनिक बनाना चाहता है, लेकिन लोगों को आस्था पर चोट कर जनता क्लीनिक बनाए जाने से नाराजगी है.
नगर निगम जनता क्लिनिक बनाने के लिए जगह चिह्नित किया
मामले में नगर निगम आयुक्त अखिलेश कुमार पिप्पल का कहना है कि, यह जगह नगर निगम की है, जिसमें राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप जनता क्लिनिक बनाया जा रहा है, जिसका शिलान्यास भी किया जा चुका है. स्थानीय लोगों का विरोध था कि, यहां मंदिर बना हुआ है, बगीची है, जबकि हमने मंदिर से कोई छेड़छाड़ नहीं कि है. लोगों से समझाइश की जा रही है. इनके पास कोई दस्तावेज नहीं है. जनता क्लिनिक बनने के बाद जगह की वैल्यू ही बढ़ेगी और वह जानता के काम आएगा.नगर निगम ने बगीची के बाहर लगा संत रविदास के मंदिर का बोर्ड भी उखाड़ दिया। जिसके बाद लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया.
Reporter- devendra Singh