मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बयान से आवाक हुए मुख्यमंत्री गहलोत, भरे मंच से बोले- ऐसे तो डिलीवरी हो जाएगी
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1353240

मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बयान से आवाक हुए मुख्यमंत्री गहलोत, भरे मंच से बोले- ऐसे तो डिलीवरी हो जाएगी

CM Gehlot Speechlessआज सीएम अशोक गहलोत की सभा में ही एक कैबिनेट मंत्री ने दूसरे कैबिनेट मंत्री को सबके सामने निशाने पर ले लिया. गहलोत के सामने ही पीडब्ल्यूडी मंत्री पर पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने बड़ा राजनैतिक हमला बोल दिया.

सीएम अशोक गहलोत भी अवाक रह गए.

CM Gehlot Speechless: आज सीएम अशोक गहलोत की सभा में ही एक कैबिनेट मंत्री ने दूसरे कैबिनेट मंत्री को सबके सामने निशाने पर ले लिया. सीएम अशोक गहलोत के सामने ही पीडब्ल्यूडी मंत्री भजनलाल जाटव पर पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने बड़ा राजनैतिक हमला बोल दिया. मंच से सीएम के सामने भाषण देते हुए विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि मेरे गले में जो पट्टा (नेक कॉलर सर्वाइकल) है यह आपकी देन है.

सीएम अशोक गहलोत अवाक रह गए
इन सड़कों को ठीक कराओ. विश्वेन्द्र सिंह यही नहीं रुके उन्होंने कि चिरंजीवी योजना का क्या फायदा लेगा कोई, अगर किसी लेडिज को डिलिवरी होनी हो तो अस्पताल पहुंचने से पहले ही सड़क में मौजूद गड्ढों से उसकी डिलेवरी हो जायेगी. जिसको सुनकर सीएम अशोक गहलोत भी अवाक रह गए हालांकि सीएम ने अपने उद्बोधन में मामले को साधते हुए कहा कि विश्वेन्द्र सिंह कॉमरेड महाराजा है जो जनता की नब्ज पकड़ना जानते है स्पष्टवादी है और खुलकर सादगी से अपनी बात रखते है और यह सादगी ही इनका गहना है.

PWD मंत्री भजनलाल जाटव को सीएम के सामने घेरा
मंत्री भजनलाल जाटव के साथ यह पहली बार नहीं है जबसे उन्हें राज्यमंत्री से प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया और उनका पीडब्ल्यूडी जैसा बड़ा महकमा दिया तभी से वह भरतपुर ही नहीं प्रदेश भर के साथी विधायक और मंत्रियो के निशाने पर है. यहां तक जोधपुर में सीएम अशोक गहलोत के निशाने पर आ गए.

भजनलाल जाटव पर आरोप लगते रहते है कि उनसे विभाग संभल नहीं रहा है उनके दौरे और कार्यक्रम उनकी विधानसभा और खुद के गांव झालाटाला तक ही सिमट कर रह गए है. अधिकारी उनकी सुनते नहीं है.

ये भी पढ़ें- अलवर में मुखिया की दबंगई, दलित युवक को पांच उल्टे जूते सिर पर मारे, फिर वीडियो किया वायरल

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है. खेलों से भाईचारा बढ़ेगा. सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों को 2 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. राजीव गांधी ग्रामीण ओलिंपिक में उम्र की सीमा नहीं है.सरकार ने इन खेलों के लिए 40 करोड़ रुपए खर्च किए. लोगों के उत्साह को देखते हुए अब हर साल राजस्थान में राजीव गांधी ग्रामीण ओलिंपिक खेल करवाए जाएंगे. ग्रामीण के बाद शहरी ओलिंपिक की भी शुरुआत की जाएगी.

 

Trending news