भालू यदि जंगली हो और अचानक दाना-पानी की तलाश में रिहायशी इलाकों की तरफ चला आए तो कई बार लोगों की जान तक ले लेता है. भालू को रेस्क्यू करना भी अपने आप में जोखिम भरा होता है.
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Sawai Madhopur: भालू यदि जंगली हो और अचानक दाना-पानी की तलाश में रिहायशी इलाकों की तरफ चला आए तो कई बार लोगों की जान तक ले लेता है. भालू को रेस्क्यू करना भी अपने आप में जोखिम भरा होता है. अक्सर जंगल में खाने-पीने की दिक्कतें आने के बाद ऐसा भालू के रिहायशी इलाकों के मूव करने का नजारा देखा जाता है. ऐसा ही नजारा सवाई माधोपुर में भी मकर संक्रांति के दिन देखने को मिला.
सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर के जंगलों से निकलकर वन्यजीवों का आबादी क्षेत्र में आने का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा. ऐसा ही एक वाकया शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर देखने को मिला. जहां एक भालू रणथंभौर के जंगलों से निकलकर श्याम वाटिका में आबादी क्षेत्र में आ गया. भालू के आबादी क्षेत्र में आने से स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया और लोग अपने मकानों की छत पर चढ़ गए. लोग भालू को देखते रहे.
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इस दौरान भालू काफी देर तक आबादी क्षेत्र में घूमता रहा. इस दौरान कुछ युवाओं ने हिम्मत जुटाकर भालू को भगाया तब जाकर कहीं लोगों ने राहत की सांस ली. श्याम वाटिका निवासी मनोज पाराशर ने बताया कि एक भालू रणथंभौर के जंगलों से निकलकर श्याम वाटिका में आबादी क्षेत्र में आ गया और काफी देर तक आबादी क्षेत्र में घूमता रहा. इस दौरान कुछ युवाओं ने हिम्मत जुटाकर भालू को भगाया तब जाकर लोग कहीं अपने घर की छतों से नीचे उतर पाए.
Reporter: Arvind Singh