रणथंभौर गए और बाघ नहीं देखा तो क्या देखा. फिर जंगल में बाघ (Tiger) और उसके कुनबे का होना व समय रहते परिवार में बढ़ोत्तरी बेहद जरूरी है जिससे सैलानियों (tourist) को बाघ देखने का आनंद मिलता रहे. साल 2021 रणथंभौर नेशनल पार्क (Ranthambore national park) के लिए बेमिसाल साबित हुआ है.
Trending Photos
Sawai madhopur: रणथंभौर गए और बाघ नहीं देखा तो क्या देखा. फिर जंगल में बाघ (Tiger) और उसके कुनबे का होना व समय रहते परिवार में बढ़ोत्तरी बेहद जरूरी है जिससे सैलानियों (tourist) को बाघ देखने का आनंद मिलता रहे. साल 2021 रणथंभौर नेशनल पार्क (Ranthambore national park) के लिए बेमिसाल साबित हुआ है. दरअसल इस एक साल में बाघों के कुनबे (family Of Tiger) में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है.
सवाईमाधोपुर का रणथंभौर नेशनल पार्क बाघों की अठखेलियों को लेकर विश्व पटल पर अपनी अलग ही पहचान रखता है. भारत में विलुप्त होने वाले बाघों की सख्या में भारी इजाफा देखने को मिला है. इसमें सवाईमाधोपुर का रणथंभौर नेशनल पार्क अपनी अहम भूमिका निभा रहा है. पिछले कई सालो से लगातार रणथंभौर नेशनल पार्क में नये शावक देखने को मिलते रहे हैं. वहीं पिछले साल की बात करें तो साल 2021 में रिकार्ड 21 नए शावक देखे गए हैं जो कि एक साल में सबसे ज्यादा शावक दिखने का पहला नजारा है.
बताते चले कि रणथंभौर नेशनल पार्क विश्व में भारत की पहचान को बेहद ही मजबूत कर रहा है. यहां बाघों का कुनबा धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है. साल 2021 में बाघों का कुनबा तेजी से बढ़ा है. यह पर्यटन के क्षेत्र में सवाईमाधोपुर के लिए के लिए शुभ संकेत है. बाघों की संख्या बढ़ने के साथ ही यहां पर्यटकों के लिए व्यवस्थाएं भी बढ़ी हैं. जिससे पर्यटको की संख्या में भारी ईजाफा हो रहा है. बीते साल की बात करें तो 21 नए शावक रणथंभौर में देखे गए हैं.
यह भी पढ़े: सवाई माधोपुर में Extra Marital Affair ने ली पति की जान, आशिक ने उतारा मौत के घाट
तेजी से बढ़ रही बाघों की संख्या रणथंभौर के लिए वरदान साबित हो रही है. रणथंभौर नेशनल पार्क बाघों की अठखेलियों के लिए विश्व पटल पर अपनी अलग ही पहचान रखता है. रणथंभौर में बाघों के स्वच्छंद विचरण को देखने के लिए सात समुंदर पार से भी सैलानी खींचे चले आते हैं. यूं तो रणथंभौर नेशनल पार्क बाघों के प्रजनन (Reproduction) के लिए बनाया गया था बाद में इसे पर्यटन के लिए खोल दिया गया. रणथंभौर का जंगल एवं वातावरण बाघों के प्रजनन के लिए बेहद उपयोगी बताया जा रहा है जिसके चलते रणथंभोर में हर साल में नये शावक जन्म लेते हैं.
यह भी पढ़ें: कुत्ते ने किया बाघिन को चैलेंज, रणथंभौर नेशनल पार्क में सामने आया ये रोमांचकारी दृश्य
2021 का ये रहा रिकॉर्ड
पिछले साल 2021 की बात करें तो रणथंभौर में 21 नए शावक देखे गए हैं. जिसमें बाघिन टी 99 ने 1, बाघिन टी 63 ने 3 , बाघिन टी 111 ने 4 , बाघिन टी 84 ने 3, बाघिन टी 105 ने 3, बाघिन टी 69 ने 2, बाघिन टी 144 ने 2, बाघिन टी 60 ने 1 एवं बाघिन टी 114 ने 2 शावकों को जन्म दिया है. इस प्रकार साल 2021 में कुल 21 शावकों का जन्म जो रणथंभौर के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.
Reporter: Arvind Singh