भीलवाड़ा शहर के सुभाष नगर थाने में रहने वाली एक युवती के साथ दुष्कर्म के एक सनसनी खेज मामले का खुलासा तब हुआ जब समाज में फैली एक कुप्रथा के तहत उसका वर्जीनीटी टेस्ट करवाया गया.
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Bhilwara: राजस्थान के भीलवाड़ा शहर के सुभाष नगर थाने में रहने वाली एक युवती के साथ दुष्कर्म के एक सनसनी खेज मामले का खुलासा तब हुआ जब समाज में फैली एक कुप्रथा के तहत उसका वर्जीनीटी टेस्ट करवाया गया. सांसी समाज की इस युवती के साथ उसी के पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने दुष्कर्म किया. उसे धमकाया कि वो घटना के बारे में किसी को बताएगी तो उसके भाई-बहन को चाकू से मार दिया जाएगा.
पीड़ित ने दबाव में आकर किसी को कुछ नहीं बताया, लेकिन घटना के कुछ दिन बाद उस युवती की हुई शादी के बाद समाज में प्रचलित कुकड़ी कुप्रथा के तहत युवती को दोषी पाया गया. जब पीड़ित परिजनों ने पूछा तब उसने अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया. इसके बाद परिजनों ने आरोपी के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया है.
वर्जिनिटी टेस्ट
दरअसल राजस्थान में सांसी समाज के कुकड़ी प्रथा का चलन लंबे समय से चला आ रहा है. शादी के बाद पति और पत्नी में एक रस्म होती है, जिसे कुकड़ी कहा जाता है.
यह ऐसी कुप्रथा है, जिसमें महिला को अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ता है. महिला की शादी होने के साथ ही उसे अपनी पवित्रता यानी वर्जिनिटी का प्रमाण देना पड़ता है.
सुहागरात के दिन पति अपनी पत्नी के पास एक सफेद चादर लेकर आता है और जब शारीरिक संबंध बनाता है तो उस चादर पर खून के निशान को अगले दिन समाज के लोगों को दिखाया जाता है.
परिवार पर आर्थिक दंड
यदि खून के निशान आ गए तो उसकी पत्नी सही मानी जाती है यानी उसकी पत्नी वर्जिन है और यदि उस चादर पर खून के निशान नहीं आए तो उसकी पत्नी का पहले किसी के साथ सहसंबंध रहा है. ऐसा करने के लिए उस लड़की को मजबूर किया जाता है. लड़की वर्जिन नहीं होती है, तो जातीय पंचायत के पंच पटेल की ओर से परिजनों पर अत्यधिक दबाव डालकर ज्यादा दहेज मांगा जाता है. कई बार समाज से बहिष्कृत किया जाता है और समाज मे शामिल करने के लिए परिवार पर आर्थिक दंड लगाया जाता है.
मांगे जाते हैं 5 से 10 लाख रुपये
सांसी समाज के इस कुकड़ी प्रथा के चलते कई बार गरीब परिवारों को बड़े सामाजिक और आर्थिक संकट से गुजरना पड़ता है, किसी भी लड़की का कुकड़ी प्रथा में दोषी पाए जाने पर पहले तो जातीय पंचायत उस लड़की के परिवार पर आर्थिक जुर्माना लगाती है. इसमें कई बार यह रकम 5 से 10 लाख रुपये तक चली जाती है. अगर जुर्माने की राशि परिवार नहीं देता है तो उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया जाता है.
एसपी आदर्श सिद्धू ने कुकड़ी प्रथा (वर्जिनिटी टेस्ट) मामले में भी कहा कि इस पर रोक लगनी चाहिए. जिले में कुछ घटनाएं ऐसी सामने आई हैं. ऐसे में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यह एक कुप्रथा है और इस पर रोक लगनी चाहिए. ऐसे मामलों में पंचायत सुनवाई करती है, वह भी गलत है.
Reporter- Dilshad Khan
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