भीलवाड़ा में सालों से मुर्दे की सवारी निकालकर मनाई जाती है शीतला सप्तमी, जानें क्यों
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भीलवाड़ा में सालों से मुर्दे की सवारी निकालकर मनाई जाती है शीतला सप्तमी, जानें क्यों

इस अवसर पर जिले के एसपी आदर्श सिद्धू ने बताया कि संवेदनशील और अतिसंवेदनशील इलाकों में खास नजर रखी जा रहीं है. इन इलाकों में सुबह आठ से शाम पांच बजे तक  पुलिस बल को तैनात किया गया है. 

 शीतला सप्तमी

Bhilwara:  शीतला सप्तमी पर शहर में परंपराओं के अनुसार मुर्दे की सवारी निकाली गई. रंगोत्सव को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा वयव्स्था के  कड़े बंदोबस्त किए हुए है. होली में खलल नहीं पड़े, इसके लिए पर्याप्त पुलिस बल  को इलाके में तैनात किया गया है. इस अवसर पर इलाके में सुरक्षा व्यवस्था में तकरीबन  600 पुलिसकर्मी लगाए गए हैं. इसके अलावा आरएसी की तीन कम्पनी और ढाई सौ होमगार्ड भी सुरक्षा में लगे हुए है. त्योहार में किसी प्रकार की बाधा ना पहुंचे इसलिए हुड़दंगियों से निपटने  के लिए वीडियो और ड्रोन कैमरे से भी नजर रखी जा रही है.

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इस अवसर पर जिले के एसपी आदर्श सिद्धू ने बताया कि संवेदनशील और अतिसंवेदनशील इलाकों में खास नजर रखी जा रहीं है. इन इलाकों में सुबह आठ से शाम पांच बजे तक  पुलिस बल को तैनात किया गया है. साथ ही  शहर में  ऐसे 75 प्रमुख चौराहे और मोहल्लों को चिहिन्त किया गया, जो अतिसंवेदनशील इलाकों की श्रेणी में आते है. इस मौके पर शराब पीकर वाहन चलाने, हुड़दंग करने वाले, राहगीरों पर गुलाल फेंकने वालों से सख्ती से निपटा गया. तथा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस नियंत्रण कक्ष में रिर्जव में भी पुलिस बल तैनात किया गया था.

 आपको बता दें कि मेवाड़ में होली का रंग पूरे 15 दिन चलता है. अलग-अलग जगहों पर अलग दिन होली खेली जाती है. जहाजपुर कस्बे में पंचमी को रंग खेला जाता है. भीलवाड़ा, शाहपुरा, गुलाबपुरा व मांडलगढ़ व क्षेत्रों में शीतला सप्तमी. वहीं कही  कहीं पर अष्टमी  के दिन रंग और गुलाल खेला जाता है.  मांडल में भी तेरस को होली खेलते हैं. साथ ही यहां इस दिन बादशाह की सवारी निकालते हैं व नाहर नृत्य करते है. शहर वही  चित्तौड़वाले की हवेली के पास से मुर्दे की सवारी (ईलाजी की डोल) निकली गई. इस सवारी में  जिंदा युवक की अर्थी सजाकर बाजार में घुमाया गया साथ ही अर्थी पर ग्रामीण गुलाल उडाते हुए चले. कुछ युवक अर्थी पर लेटे युवक पर वार करते रहे. इसके चलते वह अर्थी से कूदकर भागने का प्रयास करता तो फिर से उसे सुला दिया जाता. रंग और गुलालों के बीच परम्परानुसार शहर भर में शीतला सप्तमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया.

Reporter: Mohammad Khan

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