कविता नहीं सुना पाया तो टीचर ने मार-मार कर तोड़ दिया मासूम का हाथ, शिकायत दर्ज
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कविता नहीं सुना पाया तो टीचर ने मार-मार कर तोड़ दिया मासूम का हाथ, शिकायत दर्ज

25 अगस्त को प्रधानाध्यापिका दर्शना ने प्रार्थना के दौरान उसके पोते से कविता पूछी. स्वास्थ्य खराब होने से युवराज कविता नहीं सुना पाया. इसके चलते प्रधानाध्यापिका ने उसको घसीटते हुए उसके साथ मारपीट की. इसी दिन उसकी क्लास टीचर ने भी कक्षा में उसके साथ डंडे से मारपीट की, जिससे उसके हाथ पर चोट आई है. 

कविता नहीं सुना पाया तो टीचर ने मार-मार कर तोड़ दिया मासूम का हाथ, शिकायत दर्ज

Bhilwara: शहर के भीमगंज थाना क्षेत्र में स्थित एक सरकारी स्कूल में कविता नहीं सुनाने पर एक मासूम बच्चे के साथ महिला टीचर ने इस क़दर बेरहमी से मारपीट कर दी कि बच्चे का हाथ ही टूट गया. इस मामले को लेकर छात्र की दादी ने थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई है.

जानकारी के अनुसार, कलकीपुरा निवासी आशा सोनी पत्नी गोपाल लाल ने शुक्रवार को भीमगंज थाने में शिकायत दी है. उसने बताया कि उसका 11 साल का पोता युवराज भीमगंज थाने के सामने स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल के कक्षा 6 में पढ़ता है. 

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25 अगस्त को प्रधानाध्यापिका दर्शना ने प्रार्थना के दौरान उसके पोते से कविता पूछी. स्वास्थ्य खराब होने से युवराज कविता नहीं सुना पाया. इसके चलते प्रधानाध्यापिका ने उसको घसीटते हुए उसके साथ मारपीट की. इसी दिन उसकी क्लास टीचर ने भी कक्षा में उसके साथ डंडे से मारपीट की, जिससे उसके हाथ पर चोट आई है. घर पहुंचने के बाद आशा सोनी ने अपने पोते का उपचार करवाया और उसके बाद इस मामले में थाने में शिकायत देते हुए जांच और कार्रवाई की मांग की है.

पूरा नहीं हो पा रहा काम

युवराज की दादी आशा सोनी का कहना है कि उनके बेटे की मौत के बाद में उनके परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा युवराज उसकी बहन को इनकी मां भी छोड़ कर चली गई. ऐसे में यह दोनों बच्चे आना तो की जिंदगी जी रहे हैं लेकिन इस बूढ़ी दादी ने हिम्मत नहीं हारी और दोनों बच्चों के साथ मिलकर चांदी का काम शुरू किया और 100 दान की पर बच्चों के साथ मिलकर काम करने लगी ऐसे में होते युवराज के हाथ में चोट जाने के कारण वह नियत समय पर निर्धारित काम भी पूरा नहीं कर पा रही है ऐसे में उनके सामने बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है. अपनी यह पीड़ा ज़ी मीडिया के सामने बताते हुए उनकी आंखों में आंसू आ गए लेकिन इस बात का स्कूल की प्रधानाध्यापक और उस टीचर को जरा भी मलाल नहीं है कि उन्होंने एक मासूम बच्चे के शरीर पर नहीं उसके किस्मत पर ऐसे घाव दिए हैं कि यह अनाथ बच्चा आज इलाज के लिए भी परेशानी के दौर से गुजर रहा है.

 

Reporter- Dilshad Khan

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