AIIMS Ransomware Cyber Attack: एम्स के सर्वर पर रेनसमवेयर अटैक के चौथे दिन भी अस्पताल की डिजिटल सेवाएं ठप है. इस वजह से आनलाइन ओपीडी और जांच के लिए बार कोड जनरेट नहीं हुआ.
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AIIMS Ransomware Cyber Attack: देश की स्वस्थय सेवाओं को मजबूती प्रदान करने वाले एम्स में सुबह 7 बजे बुधवार से खलबली का माहौल बन गया. इस माहौल में बैचेनी तब बढ़ने लगी जब एम्स की ओपीडी में दिखाने आए मरीजों के पर्चे कंम्पयूटर में अचानक बनने बंद हो गए थे. जिसमें पाया गया कि कंम्पूयटर का सर्वर डाउन है. सर्वर डाउन की सूचना पर NIC ने जांच की जिम्मेदारी संभाली. शुरुआती जांच के बाद NIC के मुताबिक यह रैंसमवेयर वायरस अटैक हो सकता है. जिसकी वजह से हॉस्पिटल में इंटरनेट बंद हो गए है और सभी काम चार दिनों से मैन्युअली किए जा रहे हैं.
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50 घंटे ठप्प पड़ा
AIIMS का सर्वर पिछले 50 घंटे से ठप पड़ा था, जिसके कारण सभी ऑनलाइन काम ठप हो गए थे. सबसे ज्यादा असर ओपीडी रजिस्ट्रेशन पर पड़ा. एम्स की टेक्निकल टीम के साथ-साथ इंडिया कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम सर्वर भी सर्वर को ठीक करने की कोशिश में लगी थी. जिसमें 50 घंटे बीतने के बाद सफलता नहीं मिली. इसमें आशंका है कि एम्स के सर्वर पर रेनसमवेयर अटैक हुआ है. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल, सीबीआई के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं.
4 दिन से डाउन है सर्वर
बता दें कि दिल्ली AIIMS का सर्वर बुधवार सुबह 7 बजे से डाउन था जो शनिवार चौथे दिन भी जारी रहा. जिसकी वजह से अब तक आनलाइन ओपीडी पंजीकरण और जांच के लिए बार कोड जनरेट नहीं हो पा रहा है. राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) की टीम इसे ठीक करने में जुटी है.हालांकि, एम्स के डेंटल सेंटर में मौजूद सर्वर के दूसरे बैकअप से डाटा रिकवर करने का काम पूरा हो गया है.
सर्वर डाउन होने की वजह से मरीजों का कम्प्यूटर से पर्चा बनना बंद हो गया था. मरीजों और एडमिन ऑफिस को इसके चलते काफी परेशानी उठानी पड़ी थी. नई दिल्ली, एम्स ने बुधवार देर शाम एक नोटिस जारी कर सूचना दी थी कि एम्स वेबसाइट डाउन है जिसकी वजह से हॉस्पिटल में आउटपेशेंट और इनपेशेंट की डिजिटल सर्विस जैसे स्मार्ट लैब, बिलिंग, रिपोर्ट जनरनेट, अपॉइंटमेंट सिस्टम आदि ई-सुविधाएं बंद थी, इन्हें मैनुअली हैंडल किया गया था.
वहीं दूसरी ओर अस्पताल प्रशासन ने मरीजों की परेशानी को देखते हुए एक्सट्रा स्टाफ लगाने का फैसला किया है, जो स्टाफ सीधे इलाज की सुविधा में नहीं थे, उन्हें भी अब इलाज में जोड़ने को कहा गया है, क्योंकि आशंका जताई जा रही है कि डेटा रिस्टोर करने में और समय लग सकता है.तब तक इलाज ठीक से हो इसके लिए प्रयास जारी है. ओपीडी, वॉर्ड और इमरजेंसी में भी मैनुअल तरीके से मरीजों का इलाज किया जा रहा है. सैंपल लेने के लिए बारकोड नहीं बन पाने के कारण जांच में देरी हो रही है.
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इसके अलावा बता दें कि मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने एम्स नई दिल्ली सर्वर हैक मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.बुधवार को (23 नवंबर 2022) करीब 11-12 घंटे सर्वर डाउन होने के बाद एम्स के सिक्योरिटी ऑफिसर की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है. दिल्ली पुलिस जांच में जुटी है.