राजस्थान में अफीम किसानों की समस्याओं को लेकर मंथन, 25 को 31 तहसीलों होगा प्रदर्शन
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राजस्थान में अफीम किसानों की समस्याओं को लेकर मंथन, 25 को 31 तहसीलों होगा प्रदर्शन

भारतीय किसान संघ अफीम संघर्ष समिति चित्तौड़ प्रांत के पदाधिकारियों और सदस्यों की रविवार को चित्तौड़गढ़ कार्यालय पर प्रांत अध्यक्ष बद्रीलाल तेली भीलवाड़ा की अध्यक्षता में अफीम किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर दिनभर विचार मंथन किया गया वही आने वाली अफीम नीति किसान हित में बने इसको लेकर रणनीति बनाई गई.

 

अफीम नीति किसान हित में बनाने को लेकर प्रांतीय टोली ने चित्तौड़गढ़ में किया मंथन.

चित्तौड़गढ़ः अफीम संघर्ष समिति के प्रांत मंत्री लाभचंद धाकड़ बेगू ने बताया कि बैठक में चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा और प्रतापगढ़ की तहसीलों के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित हुए. बैठक में भारतीय किसान संघ के प्रांत महामंत्री अंबा लाल शर्मा ने अफीम संघर्ष समिति द्वारा पूर्व में किए गए कार्यों की जानकारी दी. वहीं, प्रांत संगठन मंत्री परमानंद ने संगठन को किसान हित से राष्ट्र हित के लिए गांव-गांव तक मजबूत करने को लेकर चर्चा की. बैठक में प्रांत अध्यक्ष बद्रीलाल तेली ने अफीम नीति में क्या-क्या परिवर्तन किसान हित में होने चाहिए इसको लेकर सभी से सुझाव लिए. 

सर्वसम्मति से निर्णय लिया की 25 जुलाई को अफीम उत्पादन करने वाली चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, उदयपुर, कोटा, झालावाड़ और बांरा जिलों की 31 तहसीलों में अफीम किसानों के साथ मिलकर किसान संघ की अफीम संघर्ष समिति वित्त मंत्री एवं वित्त राज्य मंत्री के नाम तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन के साथ नई अफीम नीति किसान हित में बनाने को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे. उसके बाद जिला मुख्यालय पर ज्ञापन दिए जाएंगे, यही नहीं अगस्त माह में दिल्ली जाकर वित्त मंत्री, वित्त राज्य मंत्री,गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने की योजना भी बनाई जा रही है.

कई सुझाव  आए सामने
जिसमें प्रमुखता से 1990 से कटे हुए या रुके हुए सभी पट्टे बहाल किए जाने, विदेशों से आयात बंद कर नए किसानों को नए गांवों में भी पट्टे जारी करने, समान आरी के क्षेत्रफल में अफीम पट्टे जारी करने, सीपीएस पद्धति में जारी किए गए सभी लाइसेंस नई अफीम नीति में लुवाई चिराई में जारी करने, देश के कानून से 8 बटा 29 धारा को समाप्त करने, डोडा चूरा को एनडीपीएस एक्ट से बाहर निकाल कर आबकारी विभाग में शामिल करने, डोडा चूरा जो पूर्व में राज्य सरकार ठेका पद्धति द्वारा खरीदती थी और किसानों को 125 रुपए प्रति किलो के हिसाब से पैसा दिया जाता था. 

उसे अब नष्ट कराया जाता है और किसान को कुछ भी नहीं दिया जाता है. इसमें सुधार कर हर हाल में डोडा चूरा नष्ट कराने पर सरकार किसानों को उचित मुआवजा देकर ही इसे नष्ट करवाने, मार्फिन अथवा औसत दोनों में से एक में गुणवत्ता अच्छी होने पर किसान को पट्टा जारी करने आदि कई विषयों को नई अफीम नीति में हर हाल में शामिल करने की मांग को लेकर विस्तार से बातचीत हुई.

 सभी ने एक स्वर में कहा अबकी बार अफीम नीति में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसके पीछे जो-जो लोग जिम्मेदार हैं, उनका आने वाले समय में पुरजोर विरोध भी किया जाएगा. किसान संघ को हर हाल में अफीम नीति किसान हित में बने इसके लिए काम करना है किसान संघ किसान हित से राष्ट्र हित चाहता है.

बैठक में अफीम संघर्ष समिति के चित्तौड़ प्रांत महामंत्री मिट्ठू लाल रेबारी, प्रांत मंत्री ताराचंद पाटीदार, संघर्ष समिति के सदस्य रतन सिंह गंठेडी, नारायण सिंह गंगरार, माधवलाल तेली, नंदलाल धाकड़, सीताराम गायरी, पूर्व सरपंच शिव लाल धाकड़, जगन्नाथ धाकड़, मेघराज जाट, कैलाश चंद्र धाकड़, शिव लाल जाट, मनोज जाट, बसंती लाल चौबीसा, मांगीलाल गायरी, रामपाल धाकड़, प्रहलाद धाकड़, गीता लाल धाकड़, सोहनलाल आंजना सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित हुए.

Reporter- Deepak Vyas

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