इंडियन ऑयल कोर्पोरेशन लिमिटेड के जालमपुरा स्थिति डिपो पर शुक्रवार को सुरक्षा व्यवस्थाएं जांचने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. अतिरिक्त कलेक्टर गीतेश श्री मालवीय के निर्देशन में आयोजित मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ के राजस्थान प्रभारी योगेश कुमार मीणा के नेतृत्व में किया
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Chittorgarh News: इंडियन ऑयल कोर्पोरेशन लिमिटेड के जालमपुरा स्थिति डिपो पर शुक्रवार को सुरक्षा व्यवस्थाएं जांचने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. अतिरिक्त कलेक्टर गीतेश श्री मालवीय के निर्देशन में आयोजित मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ के राजस्थान प्रभारी योगेश कुमार मीणा के नेतृत्व में किया. जिसमें जिला प्रशासन की सिविल डिफेंस टीम, पुलिस की क्यूआरटी टीम और आईओसीएल के बचाव कर्मियों ने पेट्रोल टैंक में लगी आग को फोम और पानी का छिडकाव कर बुझाने का प्रदर्शन किया.ऑयल डिपो में आग लगने की सूचना पर नगर परिषद और हिंदुस्तान जिंक की दमकल गाडियां और एंबुलेंस भी मौके पर पहुंची.
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मॉक ड्रिल के दौरान बचाव कर्मियों ने टैंक में लगी आग को वाटर कैनन और फोम का छिड़काव कर नियंत्रित करने का प्रदर्शन किया. इसके साथ ही मौके पर मौजूद चिकित्सीय दल ने घायल कर्मचारी का प्राथमिक उपचार भी किया. सुरक्षा और बचाव अभियान का नेतृत्व करने वाले एनडीआरएफ के राजस्थान प्रभारी योगेश कुमार मीणा ने बताया कि एनडीआरएफ को सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए जालमपुरा के इंडियन ऑयल कारपोरेशन और हिंदुस्तान जिंक का निरीक्षण करना था. इसी के तहत शुक्रवार को आइओसीएल डिपो पर मॉक ड्रिल का आयोजन जिला कलेक्टर गीतेश श्रीमालवीय के मार्गदर्शन में किया गया.
मॉक ड्रिल को लेकर उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ कैमिकल, बॉयोलोजिकल, रेडियोलॉजिकल रेस्क्यू हो या बाढ़ राहत का कार्य हो एनडीआरफ सभी क्षेत्रों में बचाव और राहत का काम करता है. इसके जवान अलग अलग क्षेत्रों में आई आपदाओं में कार्य करने के लिए पूर्णतया प्रशिक्षित होते हैं. एनडीआरएफ देश में सबसे बड़ी बचाव एजेन्सी है. उन्होने बताया कि राजस्थान सीबीआरएन इमरजेंसी सिर्फ रावतभाटा में हो सकती है इसलिए एडीएम से एनडीआरएफ के लिए 5 बीघा जमीन रावतभाटा के समीप आंवटित करने की मांग की गई है. जिससे किसी भी आपदा के समय तुरंत मौके पर पहुंचा जा सके.
यह रावतभाटा एटॉमिक प्लांट और चित्तौडगढ़ जिले के लिए बेहद लाभदायक रहेगा. उन्होंने कहा कि घटना के होने का पहला एक घंटा गोल्डन ऑवर कहलाता है. इसलिए बचाव एजेंसी के कम से कम समय में पहुंचने पर ही बचाव का कार्य प्रभावी रुप से हो सकता है. उन्होंने कहा कि आईओसीएल, जिंक़ आदि तो ऐसे प्लांट हैं जहां स्थाई सुरक्षा के साधन मौजूद हैं, लेकिन कई स्थानों पर आने वाली आकस्मिक आपदा जैसे भूस्खलन, बाढ़ आदि में त्वरीत कार्यवाही करनी पड़ती है. एडीएम प्रशासन गीतेश श्रीमालवीय ने बताया कि एनडीआरएफ की ओर से ऐसे संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्थाओं को जायजा लेने के लिए मॉक ड्रिल की जाती है, जहां दुर्घटना में ज्यादा जनहानि का खतरा हो. चित्तौडग़ढ़ में जिंक और आईओसीएल को चिन्हीत किया गया था, जिस पर यह मॉक ड्रिल की गई. जिसमें कोई कमी नहीं पाई गई है, कुछ सुझाव अवश्य दिए गए हैं. मॉक ड्रिल के दौरान एसडीएम श्यामसुंदर विश्नोई, उप अधीक्षक मुख्यालय बुधराज टांक, उपाधीक्षक भदेसर धर्माराम गीला, सदर थानाधिकारी हरेन्द्रसिंह सौदा, शम्भुपूरा थानाधिकारी नेतराम गुर्जर सहित विद्युत विभाग, परिवहन विभाग और आईओसीएल के अधिकारी मौजूद रहे.
Reporter: Deepak vyas