टीचर्स का खाना चट कर गए बिचौलिए, कचौरी-आलूबड़े और नमकीन खाकर ली तीन दिनों की ट्रेनिंग
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टीचर्स का खाना चट कर गए बिचौलिए, कचौरी-आलूबड़े और नमकीन खाकर ली तीन दिनों की ट्रेनिंग

चित्तौड़गढ़ जिले के भैंसरोडगढ़ ब्लॉक की तीन दिवसीय गैर आवासीय टीचर्स ट्रेनिंग में आए शिक्षक भोजन, और नाश्ते को तरस गए.

टीचर्स का खाना चट कर गए बिचौलिए, कचौरी-आलूबड़े और नमकीन खाकर ली तीन दिनों की ट्रेनिंग

Chittorgarh News : चित्तौड़गढ़ जिले के भैंसरोडगढ़ ब्लॉक की तीन दिवसीय गैर आवासीय टीचर्स ट्रेनिंग में आए शिक्षक भोजन, और नाश्ते को तरस गए. भैंसरोडगढ़ राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पिछले तीन दिनों से सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक सामान्य व विशेष आवश्यकता वाले बच्चो की शिक्षा को लेकर ब्लॉक स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया. जिसमें आने वाले शिक्षकों को नाश्ते के अलावा मिलने वाले भोजन कोई और चट कर गया.

प्राप्त जानकारी के अनुसार शिविर में थर्ड ग्रेड के 69 टीचर्स ने भाग लिया था. जिसमें ब्लॉक स्तरीय शिविर के लिए 71 हजार रुपए का बजट था. इसमें प्रति टीचर नाश्ते और भोजन के किए 100 रुपए प्रति दिन का खर्च शामिल था. बावजूद इसके शिविर में आने वाले टीचर के लिए भोजन की व्यवस्था तो दूर की बात, नाश्ते के नाम पर काभी आलूबडे, तो कभी कचोरी, नमकीन और केला खाकर लीपापोती कर दी.

इनमें कुछ टीचर्स तो ऐसे थे जो करीब 60 से 70 किलोमीटर दूर दराज से ट्रेनिंग में भाग लेने आए थे और 6-6 घंटो की ट्रेनिंग में भूख से तिलमिलाने लगे. जिसमें ट्रेनिंग के अंतिम दिन गुरुवार को कुछ टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर के बाहर स्थित होटल पर अपने जेब खर्च से चाय नाश्ता करते दिखे. बातचीत में इन टीचर्स ने बताया कि ये उनका ट्रेनिंग का आखरी दिन है. तीन दिनों की ट्रेनिंग में पहले और तीसरे दिन चाय-नाश्ते की व्यवस्था की गई थी, लेकिन तीनों दिन भोजन नही दिया गया. गुरुवार को ट्रेनिंग के अंतिम दिन दोपहर एक बजे तक भूख सहन नही हुई तो वे ट्रेनिंग सेंटर से बाहर स्थित होटल पर आकर चाय नाश्ता करने लगे.

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टीचर्स ट्रेनिंग में शामिल होने वाले टीचर्स के जिला शिक्षा मुख्यालय से बजट जारी कर खाने-पीने और ठहरने सहित अलग-अलग मदो में मोटी राशि ख़र्च की जाती है, इसके बावजूद ये राशि सही जगह खर्च ना होकर कही और पहुंचने की आशंका से भी इंकार नही किया जा सकता. ऐसे में इस पूरे मामलें की जांच की जाए तो निश्चित रूप से मामलें में गड़बड़झाला सामने आने से संभावना जताई जा रही है. वहीं इस मामलें में शिविर व्यवस्थापक योगेश कुमार के अनुसार प्राप्त बजट के अनुसार जिस मद में जो राशि मिलती है, उतनी ही खर्च की गई है, और खाने पीने की सामग्री उपलब्ध करवाई गई है. ट्रेनिंग में अगर कम राशि खर्च हो तो बकाया राशि लौटा दी जाती है.

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