Begun: जोड़ेश्वर महादेव मंदिर के नजदीक ऊदबिलाव दिखाई दिए जो जैव विविधता के लिए सुखद संकेत है.इनकी संख्या में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही हैं.स्मूद कॉटेड ओटर जलीय खाद्य श्रृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं.
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Begun: बेगूं नगर की ब्राह्मणी नदी में स्थित जोड़ेश्वर महादेव मंदिर के नजदीक रविवार सुबह स्मूद कोटेड ओटर का एक समूह नजर आया है जो कि स्थानीय जैव विविधता के लिए सुखद संकेत हैं.इनको हिंदी में ऊदबिलाव या जलमानुष भी कहते हैं.
इनके शरीर पर छोटे मखमली फर होते हैं. इसी कारण इन्हें स्मूद कोटेड ओटर कहा जाता है .स्मूद कोटेड ओटर आईयूसीएन की संकटग्रस्त प्रजाति की रेड डाटा लिस्ट में "वल्नरेबल"श्रेणी में वर्गीकृत किया गया हैं एवं वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत अनुसूची 2 के अंतर्गत संरक्षित श्रेणी में आता हैं.
इनकी संख्या में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही हैं.स्मूद कॉटेड ओटर जलीय खाद्य श्रृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं. यह स्वच्छ पानी और भोजन की प्रचुरता वाली बड़ी नदियों में रहना पसंद करते हैं.रावतभाटा की चंबल नदी में स्मूद कॉटेड ओटर नजर आते हैं लेकिन कई बार भोजन की तलाश में यह सहायक नदियों में बहुत दूर तक भी निकल जाते हैं.
ब्राह्मणी नदी भी चंबल की सहायक नदी है. पानी में रहने वाले स्मूद कॉटेड ओटर 3 से 4 फीट के अर्धजलीय स्तनधारी प्राणी हैं जो कि बड़ी मछलियों को पानी में गोता लगाकर पकड़ते हैं. यह नदी के किनारे भूमि पर भी आ जाते हैं परंतु अधिकतर समय पानी में ही व्यतीत करना पसंद करते हैं.
यह अपने इलाके को लेकर बेहद आक्रामक स्वभाव के होते हैं और मगरमच्छ पर भी हमला करने से पीछे नहीं हटते. इस वर्ष ब्राह्मणी नदी पर बने डोराई बांध को मरम्मत के लिए पानी की निकासी की गई थी. जिसके कारण ब्राह्मणी नदी में पानी भी अधिक समय तक आया और अच्छी संख्या में मछलियां की उपलब्ध हैं. संभवतया इसी कारण स्मूथ कोटेड ओटर भी मछलियों के तलाश में आए होंगे. यह अधिकतर 4 से 10 तक पारिवारिक समूह में रहते है.
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