मीराबाई एक समग्र विवेचन एवं मीराबाई का प्रामाणिक जीवनवृत्त एवं पदावली का लोकार्पण
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1144902

मीराबाई एक समग्र विवेचन एवं मीराबाई का प्रामाणिक जीवनवृत्त एवं पदावली का लोकार्पण

 डॉ सुशीला लड्ढा की दो नवीन पुस्तकों कालजयी मीराबाई एक समग्र विवेचन एवं मीराबाई का प्रामाणिक जीवनवृत्त एवं पदावली का लोकार्पण

मीराबाई एक समग्र विवेचन एवं मीराबाई का प्रामाणिक जीवनवृत्त एवं पदावली का लोकार्पण

चित्तड़गौढ़:अखिल भारतीय साहित्य परिषद् चित्तौड़गढ़ इकाई संरक्षक डॉ. सुशीला लड्ढा द्वारा लिखित पुस्तक"कालजयी मीराबाई एक समग्र विवेचन" की प्रथम प्रति लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय दिल्ली में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को चित्तौड़गढ़ सांसद चंद्र प्रकाश जोशी के सानिध्य में भेंट की. इस अवसर पर डॉ सुशीला लड्ढा ने लोकसभा अध्यक्ष को भक्त शिरोमणि मीराबाई की प्रशस्ति में बताया. वह कौन तंत्र था? कौन मंत्र था? जिससे ऐसा हाल हुआ. 

तन में गिरधर मन में गिरधर,

बाहर गिरधर भीतर गिरधर,

हर पौर पौर में सांवरिया, 

हर रोम रोम मे सांवरिया

जिसका सपने में वरण किया, 

उस पर तन मन सब वार दिया." पंक्तियां सुनाई डॉक्टर लड्ढा ने बिरला को बताया कि इस पुस्तक की मौलिकता यह है कि इसमें मीराबाई के मूल जीवन दर्शन,उनकी भक्ति के स्त्रोत श्रीमद्भागवत का प्रभाव, लोक जीवन पर उनकी भक्ति का प्रभाव और वर्तमान की विषमता युक्त विरोधाभासी युग में भी मानव जीवन के कल्याण के लिए मीराबाई के भजनों की सामाजिक, नैतिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक प्रासंगिकता पर पूर्ण प्रकाश डाला गया है. बिड़ला ने पुस्तक के लिए शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए बताया कि, यह पुस्तक निश्चय ही समाज में सकारात्मकता का संचार करके भक्ति का बीजारोपण भी करेगी.

अर्जुनराम मेघवाल ने दी बधाई

डॉ. सुशीला लड्ढा सेवानिवृत्त प्रोफेसर एवं पूर्व बाल कल्याण समिति अध्यक्ष द्वारा लिखित अन्य पुस्तक "मीराबाई का प्रमाणिक जीवनवृत्त एवं पदमाला" का विमोचन अर्जुनराम मेघवाल केंद्रीय संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री ने किया. इस अवसर पर चित्तौड़गढ़ सांसद सी पी जोशी, वरिष्ठ साहित्यकार शिव मृदुल एवं कवि राकेश कुमार चौधरी वरिष्ठ सलाहकार किशोर न्याय समिति, राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर उपस्थित थे. डॉ लड्ढा ने मंत्री महोदय को बताया कि इस पुस्तक में विभिन्न साक्ष्य, संदर्भ एवं शोध के आधार पर मीराबाई का प्रमाणिक जीवनवृत्त एवं 108 पदों का अर्थ सहित उल्लेख है, जिनके आधार पर मीराबाई केवल भक्त एवं कवयित्री ही न होकर भगवद् भक्ति, प्रेम, समर्पण एवं भावनात्मक सर्जना के क्षेत्र में विश्व विभूति बन गई. मंत्री अर्जुन राम ने अपने आध्यात्मिक रुझान को व्यक्त करते हुए मीराबाई की भक्ति की विशेषताएं बताई. पुस्तक के लिए बधाई देते हुए उन्होंने बताया कि यह पुस्तक विशेष तौर से हमारी युवा पीढ़ी को मीराबाई की भक्ति की ओर आकर्षित करके उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगी.

 रिपोर्टर- दीपक व्यास

                    

Trending news