Chittorgarh news: चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा में कई रूटों की बसें बंद हो चुकी है. बताया जा रहा है कि इन रूटों पर सवारियां कम होने की वजह से ऐसा किया गया, लेकिन हकीकत कुछ और है. दरअसल, इन जो रूट चालू हैं, उनके कंडक्टर सवारियों का टिकट ना काटकर अपनी जेबें भर रहे हैं, जिसकी वजह से रोडवेज को नुकसान हो रहा है.
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Chittorgarh: चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा में अधिकांश रुट की बसों का संचालन बंद कर दिया गया. जिसकी वजह यात्रीभार नहीं मिलना बताया जाता हैं. जबकि वास्तविकता में राजस्थान रोडवेज अपने ही कर्मचारियों की वजह से घाटे से उभर नहीं पा रही है. यहां रावतभाटा रुट पर चलने वाली अधिकांश बसों में कंडक्टर की ओर से यात्रियों का टिकट नहीं बनाने की जानकारी मिलने रिपोर्टर ने मामलें में रोडवेज बस के एक कंडक्टर का स्टिंग किया.
चित्तौड़गढ़ डिपो क्यों जा रहा घाटे में
जिसमें रविवार देर शाम को कोटा से रावतभाटा आ रही अजेमर डिपो की एक बस में कंडेक्टर को टिकट के नाम पर सवारियों से रुपए लेकर खुद की जेब भरना पाया गया. मामलें में कोटा से रावतभाटा आने वाली बस में कंडक्टर ने कई सवारियों से रुपए लेकर उनके टिकट नहीं बनाए. इस पूरे मामलें का स्टिंग किया गया, जिसमें मामलें का पूरा वीडियों बनाया गया. स्टिंग के दौरान पूरे वीडियों में साफ देखा जा सकता है, कि कंडक्टर सवारियों से रुपए लेकर इकट्ठा कर रहा है, जबकि बदले में उसके पास मौजूद मशीन से एक भी सवारी का टिकट नही बना रहा.
कंडक्टर की जेब में जा रहे पैसे
इस बारे में कंडक्टर से बात की तो उसने सवारियों के टिकट नहीं काटने की बात स्वीकार की और कहा कि सवारियां टिकट का पूरा रुपया देने में आनाकानी करती है, इसलिए उनका टिकट नहीं बनाया. ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि बिना टिकट काटे सवारियों से लिया गया पूरा पैसा कंडक्टर की जेब में गया. या फिर राजस्थान रोड़वेज में उसके ऊपर ऐसे और भी आका बैठे हैं, जिनकी सरपरस्ती में इस पूरे काले खेल को अंजाम दिया जा रहा है. खैर मामला जो भी हो, लेकिन इसका सीधा असर रोड़वेज पर पड़ेगा. अगर ऐसा ही चलता रहा, तो चंद मुनाफाखोरों के चक्कर में बचे-खुचे रूटों की बस सेवा भी बंद हो जाएगी.
Om Prakash
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