Indain soldier Karan Singh Last Rites, Churu News: राजस्थान के चूरू जिले के सादुलपुर तहसील के गांव भोजाण में भारतीय सेना के जवान करण सिंह की हुई मौत मामले में शनिवार दूसरे दिन गांव में सैनिक का पार्थिव शरीर पहुंचने के 22 घण्टे बाद सहमित होने पर अंतिम संस्कार कर दिया गया.
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Indain soldier Karan Singh Last Rites, Churu News: राजस्थान के चूरू जिले के सादुलपुर तहसील के गांव भोजाण में भारतीय सेना के जवान करण सिंह की हुई मौत मामले में शनिवार दूसरे दिन गांव में सैनिक का पार्थिव शरीर पहुंचने के 22 घण्टे बाद सहमित होने पर अंतिम संस्कार कर दिया गया.
इस मौके पर गांव ही नहीं बल्कि आस पास के गावों के लोगों ने भी अंतिम संस्कार में शामिल होकर सैनिक को श्रद्धांजलि अर्पित की. भारत जिंदाबाद के नारों के साथ गांव के युवाओं और ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार यात्रा में चल रहे थे. मुखाग्नि उनके 14 वर्षीय पुत्र अमन ने दी.
गौरतलब है सैनिक करण सिंह की मौत को लेकर ग्रामीणों में दो दिनों से रोष व्याप्त था. मामले में सेना अधिकारियों की ओर शुक्रवार को सैनिक करणसिंह के परिजनों को सूचना दी गई कि करण सिंह ने आत्महत्या कर ली है, लेकिन सैनिक की पत्नी निर्मला ने आपत्ति जताते हुए यह कहकर शव लेने से इंकार कर दिया की उसका पति करणसिंह आत्म हत्या नहीं कर सकता है.
वहीं सूचना के बाद परिवार जनों और ग्रामीणों ने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करने तथा सैनिक को शहीद का दर्जा देने एवं गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम संस्कार करने आदि मांगों को लेकर शव लेने से इनकार कर दिया था. वहीं शनिवार को सुबह विधायक डॉ कृष्णा पूनिया, पूर्व विधायक मनोज न्यागली, तथा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजेंद्र कालरी, देहात ब्लॉक अध्यक्ष अशोक पूनिया, किसान युवा नेता सुनील पूनियां, शिक्षक नेता वेदपाल मलिक, अवकाश प्राप्त सैनिक संघ के अध्यक्ष जगत सिंह, युवा कांग्रेसी नेता पवन सैनी,सरपंच प्रतिनिधि संतूसिंह सहित गांव के प्रमुख लोगों के साथ करण सिंह के पार्थिव शरीर को लेकर पहुंचे.
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सेवा अधिकारी से वार्ता हुई. जिन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को मांग पत्र के बारे में जानकारी दी. तथा उच्च अधिकारियों ने सेना के नियमानुसार सैनिक परिवार को मिलने वाले सभी लाभ और पेंशन मिलेंगे.
ड्यूटी के दौरान आत्म हत्या करने की सेना द्वारा निष्पक्ष जांच करने का भी आश्वासन दिया गया तथा सेना की परिजनों को मामले पूरी मदद करने तथा सैनिक के परिवारजन को कोलकाता बुलाकर घटना सम्बधी सहयोग का आश्वासन दिया, तथा गार्ड ऑफ ऑनर की बात पर बताया कि सेना के नियमों अनुसार आत्महत्या करने वाले सैनिक को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जा सकता है तथा गाइडलाइन भी दिखाई गई. इसके बाद वार्ता में सहमति बनी और सैनिक का अंतिम संस्कार करने पर सहमति बनी.