सरदार शहर उपचुनाव: सोमवार को वोटर चुनेंगे अपने विधायक, त्रिकोणीय मुकाबले में किसका पलड़ा भारी, जानें सबकुछ
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सरदार शहर उपचुनाव: सोमवार को वोटर चुनेंगे अपने विधायक, त्रिकोणीय मुकाबले में किसका पलड़ा भारी, जानें सबकुछ

सरदाशहर उपचुनाव के लिए सोमवार को मतदान होगा. बूथ केंद्रों पर पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. चुनाव प्रचार में भाजपा, कांग्रेस और आरएलपी ने जमकर पसीना बहाया है. सरदार शहर उपचुनाव का मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.

सरदार शहर उपचुनाव: सोमवार को वोटर चुनेंगे अपने विधायक, त्रिकोणीय मुकाबले में किसका पलड़ा भारी, जानें सबकुछ

चूरू: सरदार शहर उप चुनाव के लिए सोमवार को वोट डाले जाएंगे. राज्य चुनाव आयोग ने तैयारी पूरी कर ली है. मतदान केंद्रों पर पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. मतदान सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा. 8 दिसंबर को चुनाव नतीजे आएंगे. चुनाव प्रचार में भाजपा, कांग्रेस और आरएलपी ने जमकर पसीना बहाया है. तीन दलों के आने से सरदार शहर उपचुनाव का मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. कांग्रेस ने सहानुभूति कार्ड खेलते हुए दिवंगत नेता भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा को मैदान में उतारा है. तो भाजपा ने पूर्व विधायक अशोक पींचा पर दाव खेला है. वहीं, आरएलपी ने जाट नेता पर भरोसा जताया है. 

दरअसल, भंवरलाल शर्मा सरदार शहर से 7 बार विधायक रह चुके थे. ब्रह्माण समाज में अनिल शर्मा की अच्छी पकड़ है. अनिल शर्मा राजनीति में पहले से सक्रिय हैं. पिता भंवर लाल शर्मा के समय से ही सरदार शहर में ब्राह्मण, व्यावसायी और अन्य वर्गों में उनकी पहुंच अच्छी हैं. अनिल शर्मा को सहानुभूति वोट मिलने की संभावना ज्यादा है. 

वहीं, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने लालचंद मूंड को टिकट दिया है. मूंड जाट समुदाय से आते हैं. सरदार शहर में जाट मतदाता काफी संख्या में हैं. ऐसे में आरएलपी प्रत्याशी लालचंद मूंड चुनावी समीकरण को बदलने में काफी हद तक कामयाब हो सकते हैं. 

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उपचुनाव बीजेपी के लिए नाक का सवाल

बीजेपी के लिए उपचुनाव जीतना नाक का सवाल है, क्योंकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया इसी जिले से आते हैं. साथ ही बीजेपी के लिए उपचुनाव में ट्रैक सुधारना भी एक बड़ी चुनौती है. अबतक हुए आठ उप चुनावों में छह पर कांग्रेस जीती है, जबकि बीजेपी और आरएलपी के खाते में एक-एक सीट आई है. प्रदेश बीजेपी ईकाई को इस सीट के लिए केंद्रीय नेतृत्व का भी सहारा मिला. बीजेपी अध्यक्ष, जेपी नड्डा समेत कई नेता अशोक पींचा के लिए प्रचार कर चुके हैं. 

शनिवार को उपचुनाव का प्रचार थमने से पहले बीजेपी नेताओं ने अपने प्रत्याशी अशोक पींचा के समर्थन में रोड शो किया. रोड शो का नेतृत्व कर रहे प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कई किलोमीटर पैदल चलकर लोगों से वन टू वन मुलाकात की और भाजपा के पक्ष में वोट कर जीताने की अपील की. इसमें सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती, स्थानीय विधायक अभिषेक महर्षि समेत कई वरिष्ठ नेता भी शामिल रहे.

कांग्रेस का सूर्य अस्त हो जाएगा- पूनिया 
उप चुनाव को लेकर लेकर प्रचार अभियान भले ही थम गया है, लेकिन आरोप- प्रत्यारोप का दौर जारी है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं के परिश्रम और जनता के आशीर्वाद से सरदाशहर में 8 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी पस्त होगी और अगले साल 2023 में पूरे प्रदेश में कमल खिलेगा. कांग्रेस पार्टी का हमेशा के लिए सूर्य अस्त हो जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में प्रदेश में हत्या, लूट, अपराध, रेप जैसी वारदातों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है.  

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सरदार शहर उपचुनाव के नतीजे 2023 के ट्रेंड सेटर होंगे- गहलोत

वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरदार शहर उपचुनाव के नतीजे 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए ट्रेंड सेटर होंगे. गहलोत ने बीजेपी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि यह नतीजे दिल्ली को भी एक संकेत देंगे. गहलोत ने कहा कि अगर कांग्रेस अगली बार सत्ता में आई तो कल्याणकारी योजनाओं को और मजबूत किया जाएगा और अगर भाजपा सत्ता में आई तो वे सभी योजनाओं को बंद कर देंगे.

बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं- डोटासरा 

वहीं, कांग्रेस नेताओं ने भी बीजेपी पर सीधा पलटवार किया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि सरदाशहर सीट पर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित है. कांग्रेस प्रत्याशी अनील शर्मा को यहां की जनता का पूरा आशीर्वाद प्राप्त है. 2023 में कांग्रेस पार्टी प्रचंड बहुमत से प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है. बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है. इसलिए बीजेपी नेता खोखले दावे और वादे कर रहे हैं, लेकिन सरदारशहर और राजस्थान की जनता बीजेपी की नीति और नीयत को अच्छी तरह से समझती है. 

कांग्रेस विधायक के निधन के बाद हो रहा उपचुनाव

सरदार शहर सीट से कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा (77) का लंबी बीमारी के बाद 9 अक्टूबर को निधन हो गया था. उनके निधन के बाद रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव हो रहा है. इस सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है. शुरू में कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही टक्कर थी, लेकिन आखिरी समय में आरएलपी ने भी अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया. हनुमान बेनीवाल की पार्टी के उम्मीदवार की एंट्री के बाद मुकाबला त्रिकोणीय हो चला है.

इस सीट पर ये है जातीय समीकरण

सरदार शहर उपचुनाव में 2 लाख 89 हजार 579 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, इनमें से 1 लाख 52 हजार 640 पुरुष मतदाता हैं, जबकि 1 लाख 36 हजार 935 महिला मतदाता हैं, वहीं 497 सर्विस वोटर्स भी हैं. इस सीट पर करीब 65 हजार जाट मतदाता हैं. दूसरे स्थान पर दलित समाज है. करीब 55 हजार से ज्यादा दलित मतदाता हैं. वहीं, इसके साथ ही करीब 45 हजार ब्राह्मण वोटर्स हैं. 20 हजार राजपूत और शेष अन्य समाजों के वोट हैं. इसके अलावा 23 हजार मुस्लिम मतदाता भी हैं. इस सीट पर जाट वोटरों का दबदबा है.

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