पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर कहा कि राजस्थान में जिस तरीके से महिला अत्याचारों की बात की जा रही है और रेप में नम्बर एक बताया जा रहा है, ऐसा नहीं है. समग्र रूप से इन आंकड़ों को देखने पर राजस्थान का सातवां नंबर आता है ना कि राजस्थान नंबर वन है. डीजीपीएम लाठर मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन करने और पूजा अर्चना करने पहुंचे थे.
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Dausa: प्रदेश में बढ़ते अपराध और महिला अपराध में नंबर वन की बात को गलत ठहराते हुए, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने बड़ा बयान दिया है. पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े सही नहीं है, राजस्थान को आंकड़ों के माध्यम से जिस तरीके से महिला अपराध में नंबर वन बताया गया है ऐसा है, नहीं ही राजस्थान अपराध दर में सातवें नंबर पर है. डीजीपी ने कहा महिला अपराध को लेकर राजस्थान के जो आंकड़े एनसीआरबी द्वारा दर्शाए गए हैं, उसमें माइनर और मेजर को एक साथ दर्शाया गया है जबकि अन्य राज्यों के अलग अलग आंकड़े बताए गए हैं. ऐसे में अगर इन आंकड़ों को हम अलग अलग कर दें तो राजस्थान दूसरे नंबर पर आता है और झूठे मुकदमों को भी इसमें से हटाए तो प्रदेश सातवें नंबर पर है. वहीं नाबालिग अपराध के मामले में राजस्थान बारवें स्थान पर है, जबकि पहले नंबर पर मध्य प्रदेश, दूसरे पर महाराष्ट्र, तीसरे पर तमिलनाडु, चौथे पर यूपी और पांचवे पर कर्नाटक है यानी हम एक से दस तक में भी नहीं है.
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राजस्थान में जिस तरीके से महिला अत्याचारों की बात की जा रही है और रेप में नम्बर एक बताया जा रहा है, ऐसा नहीं है. समग्र रूप से इन आंकड़ों को देखने पर राजस्थान का सातवां नंबर आता है ना कि राजस्थान नंबर वन है. डीजीपी लाठर ने कहा कि राजस्थान की छवि अच्छी हो इसकी हम सबकी जिम्मेदारी है, फिर चाहे जनप्रतिनिधि हो या सरकारी कर्मचारी या फिर प्रदेश का आम नागरिक सबको प्रदेश के भले के लिये सोचना चाहिये और आकड़ों को समझने की भी जरूरत है.
दरअसल डीजीपीएम लाठर मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन करने और पूजा अर्चना करने पहुंचे थे, जहां पूजा अर्चना के बाद उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए यह बात कही. वहीं मेहंदीपुर बालाजी को लेकर पुलिस महानिदेशक ने कहा डेढ़ साल बाद मैं यहां आया हूं, पिछली बार मैं जब आया था तब यहां मंदिर ट्रस्ट द्वारा निर्माण कार्य चलाया जा रहा था, उस समय यह पता नहीं था कि यहां किस तरीके का निर्माण कार्य हो रहा है लेकिन जब यहां आकर देखा तो बहुत अच्छा लगा मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रित रहें और सरकार की मंशा के अनुरूप हो उस तरीके से यहां काम किए गए हैं. प्रदेश के मंदिरों में कैसी व्यवस्था हो इसको लेकर राज्य स्तर पर जो बैठक हुई थी उसी के अनुकूल यहां की व्यवस्थाएं दिखाई दे रही हैं. वहीं मंदिरों में पनपते वीआईपी कल्चर को लेकर उन्होंने कहा कि इस तरीके की व्यवस्था सभी जगह बंद होनी चाहिए हालांकि उन्होंने कहा बुजुर्गों, विकलांगों और ऐसे लोग जो ज्यादा देर खड़े नहीं रह सकते हैं. उन्हें वीआईपी कल्चर के तहत दर्शन करवाए जा सकते हैं.
Reporter - Laxmi Sharma
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