शिक्षा विभाग की लापरवाही से अटकी 1826 बच्चों की पालनहार योजना, नहीं मिल रहा लाभ
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शिक्षा विभाग की लापरवाही से अटकी 1826 बच्चों की पालनहार योजना, नहीं मिल रहा लाभ

शिक्षा विभाग की ओर से समय पर इन लाभार्थी बच्चों का भौतिक सत्यापन नहीं किया गया, जिसके चलते जुलाई और अगस्त दो माह का योजना का लाभ इन बच्चों और इनके पालनहारों को नहीं मिल पाया है. जिला कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को भौतिक सत्यापन करवाते हुए बच्चों को लाभ शुरू करवाने के निर्देश दिए हैं.

शिक्षा विभाग की लापरवाही से अटकी 1826 बच्चों की पालनहार योजना, नहीं मिल रहा लाभ

Dungarpur: डूंगरपुर जिले में शिक्षा विभाग की उदासीनता और लापरवाही के चलते 1826 लाभार्थी बच्चो का पालनहार योजना का लाभ अटक गया है. 

शिक्षा विभाग की ओर से समय पर इन लाभार्थी बच्चों का भौतिक सत्यापन नहीं किया गया, जिसके चलते जुलाई और अगस्त दो माह का योजना का लाभ इन बच्चों और इनके पालनहारों को नहीं मिल पाया है. जिला कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को भौतिक सत्यापन करवाते हुए बच्चों को लाभ शुरू करवाने के निर्देश दिए हैं.

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राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की पालनहार योजना में राज्य के अनाथ बच्चो को या जिनके माता पिता मर गए हैं, उन अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्‍यवस्‍था उनके निकटतम रिश्‍तेदार/परिचित व्‍यक्ति के परिवार में करने के लिए इच्‍छुक व्‍यक्ति को पालनहार बनाकर की जाती है. योजना के अंतर्गत पालनहार को 5 वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए 500 रुपये प्रतिमाह और स्कूल में प्रवेश होने के बाद 18 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह 1000 रुपये की अनुदान धनराशि राजस्थान सरकार की ओर से दी जाती है. 

1266 पालनहारों के 1826 बच्चों को दो माह से नहीं मिला लाभ
पालनहार योजना के तहत डूंगरपुर जिले में 10 हजार पालनहारों के 17 हजार अनाथ बच्चों को लाभ मिलता आ रहा है. वहीं, योजना के लाभ के लिए प्रतिवर्ष इन बच्चो का भौतिक सत्यापन शिक्षा विभाग की ओर से किया जाता है लेकिन डूंगरपुर जिले में शिक्षा विभाग की लापरवाही और उदासीनता के चलते 1266 पालनहारों के 1826 अनाथ बच्चो का जुलाई से पहले तक भौतिक सत्यापन नहीं हो पाया है, जिसके चलते इन बच्चो का योजना का लाभ अटक गया है और जुलाई और अगस्त माह की राशि का भुगतान नहीं हुआ है. 

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क्या बोले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक 
इधर इस मामले में डूंगरपुर जिले के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक अशोक शर्मा का कहना है कि मामले को लेकर डूंगरपुर जिला कलेक्टर डॉ इंज्द्र्जीत यादव को अवगत करवाया गया था, जिसके बाद कलेक्टर ने भौतिक सत्यापन से वंचित पालनहार और बच्चों की सूची शिक्षा विभाग के सभी ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को दी गई है और भौतिक सत्यापन का कार्य पूर्ण जल्द करवाते हुए लाभार्थियों को लाभ पुनः शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं.

बहरहाल जिला कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के समस्त ब्लॉक स्तरीय अधिकारियो को भौतिक सत्यापन का कार्य पूर्ण करवाने के निर्देश दिए हैं लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही और उदासीनता गरीब अनाथ बच्चों पर भारी पड़ रही है. खैर अब देखने वाली बात होगी कि कलेक्टर के निर्देश पर कब तक इन बच्चों को भौतिक सत्यापन हो पाता है और कब तक योजना का लाभ पुनः शुरू हो पाता है.

Reporter- Akhilesh Sharma

 

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