डूंगरपुर जिले में मानसून के तहत 168 एमएम बारिश अभी तक हुई है. मानसून की बारिश गिरने के बाद भूमि पुत्र अपने-अपने खेतों में खरीफ की बुवाई में जुट गए है. डूंगरपुर जिले में इस वर्ष एक लाख 45 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई का लक्ष्य लिया गया है.
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Dungarpur: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में मानसून के तहत 168 एमएम बारिश अभी तक हुई है. मानसून की बारिश गिरने के बाद भूमि पुत्र अपने-अपने खेतों में खरीफ की बुवाई में जुट गए है. डूंगरपुर जिले में इस वर्ष एक लाख 45 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई का लक्ष्य लिया गया है, जिसके तहत प्रमुख रूप से मक्का की फसल की जाती है ऐसे में सर्वाधिक 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का की फसल बोये जाने का अनुमान है. इसके अलावा 40 हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन, 15 हेक्टेयर में उड़द, 15 हेक्टेयर में धान और 5 हेक्टेयर क्षेत्र में छोटे धान की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है.
कृषि विभाग के अनुसार लक्ष्य के मुकाबले किसानों ने 35 फीसदी तक बुवाई कर दी है लेकिन बुवाई को लेकर किसानों के सामने डीएपी खाद की समस्या खड़ी हो गई है. डूंगरपुर क्रय-विक्रय समिति के अध्यक्ष रतनलाल पाटीदार ने बताया कि कृषि विभाग के अनुसार खरीफ की बुवाई के लिए 1750 मेट्रिक टन डीएपी खाद की आवश्यकता होगी लेकिन उनके पास अभी तक डीएपी खाद का एक भी कट्टा मौजूद नहीं है.
साथ ही उन्होंने बताया कि फिलहाल लेम्प्स की ओर से 250 मेट्रिक टन की डिमांड आई है जिसको लेकर आगे 250 मेट्रिक टन डीएपी की राशि भी ट्रांसफर कर दी गई है लेकिन रेक नहीं लगने से अभी तक डीएपी खाद उपलब्ध नहीं हो पाया है, जिसके चलते किसान क्रय विक्रय सहकारी समिति और लेम्प्स के चक्कर काटकर खाली हाथ लौट रहे है.
मानसून की पहली बारिश गिरने के बाद किसान अपने खेतों में खरीफ की बुवाई में लग गए है लेकिन जिले में डीएपी खाद की अनुपलब्धता किसानों के लिए एक बड़ी समस्या बना हुआ है. हालांकि कृषि विभाग और क्रय विक्रय सहकारी समिति के अध्यक्ष जल्द ही डीएपी खाद आने की सम्भावना जता रहे है, अब देखने वाली बात होगी कि कब जिले में डीएपी खाद आता है और किसानों को राहत मिलती है.
Reporter: Akhilesh Sharma
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