डूंगरपुर जिले के कोतवाली थानांतर्गत डूंगरपुर शहर के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद बालक के होश में नहीं आने व उदयपुर अस्पताल में उसकी मौत पर बवाल थमने का नाम नही ले रहा है.
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Dungarpur: डूंगरपुर जिले के कोतवाली सीआई सुरेंद्रसिंह सोलंकी ने बताया की माथुगामड़ा पाल निवासी सोहन कटारा के 10 वर्षीय बेटे अरविंद कटारा के हाथ ओर कंधे की चमड़ी आपस में चिपकी हुई होने से डूंगरपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में गुरुवार को ऑपरेशन किया था. ऑपरेशन के बाद से अरविंद को होश नही आया था.
जिसके बाद डॉक्टर ने उसे उदयपुर के लिए रेफर कर दिया था. अस्पताल स्टाफ के साथ ही परिजन अरविंद को लेकर उदयपुर अस्पताल पहुंचे थे. जहा डॉक्टर ने जांच के बाद अरविंद को मृत घोषित कर दिया था. वहीं, शव को मोर्चरी में शिफ्ट करवाया. लेकिन आज सुबह परिजन वापस अब मोताणे की राशि बढ़ाने पर अड़े हैं. वहीं, पुलिस समझाइश के प्रयास में जुटी हुई है.
इस पर परिजन देर शाम को शव को लेकर वापस डूंगरपुर आए. शव को उसी निजी अस्पताल में लाकर रखकर परिजनों ने हंगामा कर दिया था. इससे घबराया अस्पताल का स्टाफ मौके से भाग गया था. हंगामा बढ़ने पर कोतवाली थाना सीआई सुरेंद्र सिंह सोलंकी मय जाब्ता के मौके पर पहुंचे थे. परिजनों से समझाइश के प्रयास किए.
लेकिन परिजन डॉक्टर को मौके पर बुलाने की मांग को लेकर अड़े रहे. वहीं, बालक की मौत पर 51 लाख रुपए का मौताणा की मांग को लेकर बैठ गए. ऑपरेशन में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जिम्मेदार डॉक्टर से मोताणा मांगने लगे. आधी रात तक मोताणे को लेकर हंगामा चलता रहा.
4 लाख 51 हजार रुपए मोताणे पर बातचीत के बाद शव को अस्पताल से उठाकर डूंगरपुर जिला अस्पताल के मोर्चरी में शिफ्ट करवाया गया. इस पर पुलिस ने राहत की सांस ली थी. लेकिन परिजन आज सुबह फिर से मोताणे की रकम बढ़ाने की मांग को लेकर अड़ गए. वहीं , अस्पताल के मोर्चरी में शव पड़ा है.
लेकिन परिजन बढ़ा हुआ मोताणा मिलने के बाद ही पोस्टमार्टम करवाने को लेकर अड़े हुए है. वहीं पुलिस भी परिजनों की इस डिमांड के आगे बेबस नजर आ रही है. हालाकि पुलिस घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है. लेकिन मोताणे को लेकर दबाव के बावजूद किसी तरह की कार्रवाई नही हो रही है.
रिपोर्टर- अखिलेश शर्मा