डूंगरपुर नगरपरिषद के सभापति अमृत कलासुआ ने आज डूंगरपुर शहर की हृदयस्थली कहे जाने वाली गेप सागर झील के जल आवक मार्गो का निरीक्षण किया. इस दौरान कई जगहों पर झील के जल आवक मार्ग बाधित मिले, जिस पर सभापति कलासुआ ने नाराजगी जताई और बंद जल आवक मार्गो को बहाल करवाने के निर्देश दिए.
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Dungarpur: डूंगरपुर नगरपरिषद के सभापति अमृत कलासुआ ने आज डूंगरपुर शहर की हृदयस्थली कहे जाने वाली गेप सागर झील के जल आवक मार्गो का निरीक्षण किया. इस दौरान कई जगहों पर झील के जल आवक मार्ग बाधित मिले, जिस पर सभापति कलासुआ ने नाराजगी जताई और बंद जल आवक मार्गो को बहाल करवाने के निर्देश दिए. डूंगरपुर जिला मुख्यालय सहित आस-पास के क्षेत्रों में लगातर बारिश की झड़ी लगी हुई हैं. इसके बाद भी जहां जिलेभर के नदी नाले और तालाब उफान पर है, वहीं शहर की ह्रदय स्थली गैप सागर झील अभी खाली है.
इसी को लेकर गैप सागर झील के जल आवक मार्गों का नगर परिषद सभापति अमृत कलासुआ ने आज सुबह निरीक्षण किया और बंद नालों को खुलवाने के निर्देश दिए. सभापति अमृत कलासुआ नगर परिषद की टीम के साथ गैपसागर झील के तमाम जल आवक मार्गों का निरीक्षण करने पहुंचे. निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि गैपसागर झील में पानी आने के प्राकृतिक मार्गों में पक्के निर्माण और भूमि पट्टे दिए जाने के कारण अवरोध पैदा हो गए है.
इस कारण पिछले 7 दिनों से हो रही लगातार बारिश के बाद भी झील में पानी की आवक नहीं हो रही है, जो पूरे शहर में चिंता और चर्चा का विषय बना हुआ है. इसे देखते हुए सभापति ने तीजवड, बिलडी, कुशाल मगरी, नया बस स्टैंड, घाटी तालाब और रेती स्टैंड के प्राकृतिक नालों को देखा तो सभी जगह पक्के निर्माण पाए गए. सभापति ने निर्देश दिए कि नगर परिषद क्षेत्र में जितने भी जल आवक मार्गों पर पक्के निर्माण किए गए हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से तोड़ दिया जाए और पानी के रास्ते खोले जाएं.
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वहीं निरीक्षण के दौरान पाया कि नगर परिषद से लगती बिलड़ी, मांडवा सहित कई पंचायतों में पड़ने वाले गैपसागर के जल आवक मार्गों में संबंधित पंचायतों की ओर से या तो भूमि पट्टे दिए गए हैं या फिर खातेदारी जमीनों पर निर्माण स्वीकृति जारी कर दी गई है. वहीं कई जगह पंचायतों में जल आवक मार्गों में पक्के निर्माण भी करने की बात सामने आई, जिस पर सभापति ने शहर के सभी जल आवक मार्ग खोलने के निर्देश दिए हैं. वहीं पंचायत में नगर परिषद को कार्रवाई का अधिकार नहीं है, ऐसे में जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर जरा वर्क मार्गों को खोलने की मांग की जाएगी.
Reporter: Akhilesh Sharma
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