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डूंगरपुर: केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत लघु उद्योग भारती ग्राम शिल्पी प्रकोष्ठ की ओर से रेलवे स्टेशन पर स्थानीय हस्त कलाओं के सरंक्षण और संवर्धन के लिए एक स्टेशन - एक उत्पाद स्टॉल लगाई गई है. डूंगरपुर रेलवे स्टेशन पर स्वीकृत सोमपुरा मूर्तिकला और मिट्टी शिल्प स्टॉल का उद्घाटन कलेक्टर डॉ इंद्रजीत यादव, नगर सभापति अमृत कलासुआ ने किया. कलेक्टर डॉ यादव ने कहा कि डूंगरपुर की मूर्तिकला अपने आप में विशिष्ट है. स्थानीय पारेवा पत्थर से बनी कलाकृतियां प्रदेश और देश में दुर्लभ हैं.
उन्होंने कहा कि इस कला को अपेक्षित पहचान नहीं मिल पाई है.यह स्टॉल डूंगरपुर की इस अद्भुत कला को देशभर में पहचान दिलाने में सहायक सिद्ध होगी. उन्होंने कहा कि हस्त कलाओं के संवर्धन के लिए जिला प्रशासन हर संभव सहयोग के लिए प्रयासरत रहेगा. लघु उद्योग भारती ग्राम शिल्पी प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और जोन प्रभारी योगेंद्र शर्मा ने डूंगरपुर में लघु उद्योग एवं हस्त कलाओं के संरक्षण के लिए लघु उद्योग भारती के माध्यम से किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया.
सोमपुरा समाज के अध्यक्ष कन्हैयालाल सोमपुरा ने मूर्तिकला के बारे में जानकारी दी.स्टेशन मास्टर अशोक कुमार मोजूद रहे.इस मौके पर सभापति कलासुआ ने कहा कि डूंगरपुर की हस्तकलाओं को मंच देने के लिए नगरपरिषद की पहली बोर्ड बैठक में शिल्पग्राम बनाने की घोषणा की गई थी.इसके लिए बोर्ड प्रयासरत है.सरकार स्तर तक प्रस्ताव भी भेजे हैं.
डूंगरपुर रेलवे स्टेशन पर अभी 2 स्टॉल लगाई गई है.एक स्टॉल का संचालन सोमपुरा समाज डूंगरपुर के माध्यम से किया जा रहा है.इसमें स्थानीय पारेवा पत्थर की कलाकृतियां बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगी. वहीं, एक अन्य स्टॉल कल्याणी सेवा संस्थान के माध्यम से संचालित की जाएगी.इसमें मिट्टी से बनी कलाकृतियां, दैनिक उपयोग के बर्तन आदि उपलब्ध रहेंगे.
रिपोर्टर- अखिलेश शर्मा