राजस्थान में मेनका डामोर डूंगरपुर जिले के सादड़िया इलाके में स्थित एक सरकारी स्कूल में टीचर के तौर पर कार्यरत थीं. साथ ही वह आदिवासी परिवार संस्था की संस्थापक सदस्या भी हैं. बीती 19 जुलाई को बांसवाड़ा जिले में भील प्रदेश बनाने की मांग उठी थी. उस आयोजन में हजारों की संख्या में लोगों के सामने मेनका डामोर ने कहा था कि हम हिंदू नहीं हैं.
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Dungarpur News: आदिवासी महिलाओं से जुड़ा विवादित बयान देने वाली सरकारी टीचर को लेकर बड़ा एक्शन लिया गया है. सरकार ने टीचर को सस्पेंड कर दिया है. यह कार्रवाई टीचर मेनका डामोर पर राजस्थान आचरण नियम के तहत की गई है. दरअसल, टीचर मेनका ने एक सार्वजनिक सभा में कहा था कि हम सिंदूर नहीं लगाते, हम हिंदू नहीं हैं. मंगलसूत्र पहनने की हमें आवश्यकता नहीं है. उनके इस बयान पर सरकार ने कड़ाई से एक्शन लिया. मामला पिछते सप्ताह का बताया जा रहा है.
बता दें कि मेनका डामोर डूंगरपुर जिले के सादड़िया इलाके में स्थित एक सरकारी स्कूल में टीचर के तौर पर कार्यरत थीं. साथ ही वह आदिवासी परिवार संस्था की संस्थापक सदस्या भी हैं. बीती 19 जुलाई को बांसवाड़ा जिले में भील प्रदेश बनाने की मांग उठी थी. उस आयोजन में हजारों की संख्या में लोगों के सामने मेनका डामोर ने कहा था कि हम हिंदू नहीं हैं. हमें सुहाग की निशानियों की आवश्यकता नहीं हैं, हमें सिंदूर लगाना नहीं चाहिए और ना ही हमें कोई मंगलसूत्र पहनना चाहिए.
मेनका के इस बयान को सुनकर वहां मौजूद आदिवासी लोगों ने जमकर तालियां बजाई थीं और उनकी तारीफ भी की थी. जानकारी के मुताबिक, आयोजन में सांसद राजकुमार रोत भी मौजूद थे. राजकुमार रोत भील प्रदेश बनाने की मांग का नेतृत्व कर रहे थे. दूसरी तरफ बता दें कि राजस्थान की सरकार ने अलग से राज्य बनाने को सिरे से नकार दिया है. वहीं, विवादित बयान देने वाली टीचर को सस्पेंड कर दिया गया है. फिलहाल उन्हें दोवड़ा सीबीईओ ऑफिस में ड्यूटी के निर्देश मिले हैं.
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टीचर मेनका डामोर के बयान के बाद कई आदिवासी समाज की महिलाओं ने भी नाराजगी जताई थी. तमाम शिकायतों के बाद मेनका को सस्पेंड कर जांच बिठाई गई है.