डूंगरपुर नगरपरिषद ने शहर की प्राचीन बावड़ियों के संवर्धन और जल संरक्षण का बीड़ा उठाया है. साथ ही इन बावड़ियों के पानी को उपयोग में लेने की कार्य योजना भी बनाई है.
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Dungarpur: डूंगरपुर शहर की प्राचीन बावड़ियों की जल्द ही दशा सुधरने वाली है. डूंगरपुर नगरपरिषद ने ऐसी प्राचीन बावड़ियों की सुध ली है. जिसके तहत नगरपरिषद इन प्राचीन बावड़ियों की साफ-सफाई करवाएगी. इसके साथ ही इन के बावड़ियों संवर्धन और जल संरक्षण का भी बीड़ा उठाएगी. नगरपरिषद की ओर से जिन बावड़ियों में पानी मौजूद है उस पानी के उपयोग भी योजना बनाई जायेगी.
प्राचीन काल से ही धरती पर जल की कमी को देखते हुए जल संरक्षण की परंपरा चलती आ रही है. प्राचीन समय में इन परंपरागत जल स्रोतों में से बावड़ियों का खासा महत्व था लेकिन समय के साथ इन बावड़ियों की अनदेखी के चलते ये प्राचीन बावड़ियां अब शो पीस बनकर रह गई हैं. डूंगरपुर शहर में स्थित इन प्राचीन बावड़ियों की दशा, साफ-सफाई और संवर्धन का बीड़ा डूंगरपुर नगरपरिषद ने उठाया है. डूंगरपुर नगरपरिषद के सभापति अमृतलाल कलासुआ ने बताया की डूंगरपुर शहर में घाटी स्थित रामबाव, उदयबाव, फौज का बडला बाव, नवाडेरा स्थित नईं बाव और महारावल स्कूल के बगीचे में केला बाव एवं रानी बाव है.
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उन्होंने बताया कि वर्तमान में उदयबाव से करीब 8 लाख लीटर पानी की सप्लाई की जा रही है लेकिन अन्य बावड़ियों की स्थिति खस्ताहाल है. उन्होंने बताया की नगरपरिषद ने इन बावों की दशा सुधारने का बीड़ा उठाया है. जिसके तहत शेष रामबाव, फौज का बडला बाव,नईं बाव, केला बाव एवं रानी बाव की नगरपरिषद की ओर से पहले साफ-सफाई की जायेगी. इसके साथ ही इन बावों के संवर्धन और जल संरक्षण का काम किया जाएगा. वहीं डूंगरपुर नगरपरिषद के सभापति अमृत कलासुआ ने बताया कि इन बावड़ियों की सफाई के बाद जलदाय विभाग से सम्पर्क किया जाएगा और उनके जलदाय विभाग के माध्यम से इन बावड़ियों के पानी की जांच करवाई जायेगी. अगर जांच में पानी पीने योग्य पाया जाता है तो उदयबाव की तर्ज पर इन बावड़ियों से पानी की सप्लाई उनके सम्बंधित क्षेत्रों में लोगों को की जायेगी ताकि शहर में पेयजल की समस्या नहीं रहे.
बहराल डूंगरपुर नगरपरिषद ने शहर की प्राचीन बावड़ियों के संवर्धन और जल संरक्षण का बीड़ा उठाया है. साथ ही इन बावड़ियों के पानी को उपयोग में लेने की कार्य योजना भी बनाई है. खैर अब देखने वाली बात होगी की डूंगरपुर नगरपरिषद की पहल किस हद तक लोगों को राहत पहुंचा पाती है.
Report- Akhilesh Sharma