बांसवाड़ा की लैब ने 40 दिन पहले जिस गेंहू को माना था अनसेफ, वही अब बटेगा गरीबों में
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बांसवाड़ा की लैब ने 40 दिन पहले जिस गेंहू को माना था अनसेफ, वही अब बटेगा गरीबों में

डूंगरपुर जिले में एफसीआई का 26 हजार क्विंटल गेहूं बांसवाड़ा लैब से जांच कराने पर 40 दिन पहले अनसेफ पाया गया था, लेकिन वहीं गेहूं अब उदयपुर स्थित प्राइमरी हेल्थ केयर लेब से जांच कराने पर जो सैंपल पहले फेल हो गया था, अब वह पास हो गया है.

बांसवाड़ा की लैब ने 40 दिन पहले जिस गेंहू को माना था अनसेफ

Dungarpur: डूंगरपुर जिले में एफसीआई का 26 हजार क्विंटल गेहूं बांसवाड़ा लैब से जांच कराने पर 40 दिन पहले अनसेफ पाया गया था, लेकिन वहीं गेहूं अब उदयपुर स्थित प्राइमरी हेल्थ केयर लैब से जांच कराने पर जो सैंपल पहले फेल हो गया था, अब वह पास हो गया है.

पहले अनसेफ व बाद में गुणवत्ता-वान रिपोर्ट मिलने के बाद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के जयपुर ने इसके उठाव की अनुमति दे दी है. इधर अनुमति मिलने के बाद डूंगरपुर रसद विभाग की तरफ से इसके उठाव की तैयारियां शुरू कर दी है, जिसके तहत अब ये गेंहू गरीबों में बांटा जाएगा.
 
दरअसल, खाद्य सुरक्षा योजना व प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत डूंगरपुर रेलवे स्टेशन पर मार्च माह में मालगाड़ी से कुल 52 हजार 829 बैग पहुंचे थे. उस समय मालगाड़ी से ट्रकों में लोड करने पर गेहूं की ढेलियां बनी हुई मिली थी. इन बेगों में साल 2020-21 के कुल 39 हजार 399 व 2021-22 के 13 हजार 430 बैग शामिल थे. यह जुट व प्लास्टिक के कट्टों में होकर यहां तक आये थे.

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खराब गेंहू आने के बाद इस गेंहू के सैंपल जांच के लिए बांसवाड़ा लैब में भेजे गए थे. वहीं बांसवाडा लैब की रिपोर्ट में 26 हजार क्विंटल गेहूं को अनसेफ बताया था, जिसके चलते उसके बाटने पर रोक लगा दी गई थी. इस पर एफसीआई के रिजनल औफिस से टीम ने डूंगरपुर आकार पूरे स्टोक के सेग्रिगेशन का काम शुरु किया था. सेग्रिगेशन के जरिये हर बैग की जांच कर इसे अलग अलग किया गया था.

तीन हजार क्विंटल गेहूं को ही माना खराब
सेग्रिगेशन के दौरान 26 हजार में से तीन हजार क्विंटल को सेग्रिगेशन में खराब मान कर अलग किया गया था. इससे करीब 60.45 लाख का नुकसान हुआ. सेग्रिगेशन का काम होने के बाद उदयपुर डीएसओ व कमेटी ने थाणा स्थित गोदाम से 23 हजार क्विंटल गेहूं से सैंपल जांच के लिए लेकर लैब में भेजे थे. इधर बांसवाडा की लैब ने जिस गेंहू को जांच में अनसेफ माना था, उसी गेंहू के सेम्पल को उदयपुर जिले की लैब ने पास कर दिया.

जिसकी रिपोर्ट खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग जयपुर को भेजी गई थी. इधर गुणवत्ता-वान रिपोर्ट मिलने के बाद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के जयपुर ने इसके उठाव की अनुमति दे दी है. इधर रसद विभाग को उठाव की अनुमति मिलने के बाद इस पर काम शुरू हो गया है. गोदाम पर गेहूं को उठाव से पहले जांचने के लिए दो इंस्पेक्टर को नियुक्त कर दिया है. एफसीआई की तरफ से प्रतिनिधि को लगाया गया है। तीन स्तर पर जांच के बाद गेहूं का उठाव किया जा रहा है.

बहराल उदयपुर लैब से गेंहू के सैंपल पास होने के बाद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग जयपुर ने इसके उठाव की अनुमति दे दी है. वहीं अनुमति मिलने के बाद डूंगरपुर रसद विभाग ने इसके उठाव का काम भी शुरू कर दिया है और जल्द ही इसे गरीबो में वितरण भी किया जाएगा, लेकिन सवाल ये उठता है कि बांसवाडा की लैब ने जिस गेंहू को 40 दिन पहले अनसेफ माना था. वहीं गेंहू 40 दिन बाद उदयपुर की लैब में कैसे पास हो सकता है.

Reporter- Akhilesh Sharma

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