Dungarpur: बारिश की भविष्यवाणी को लेकर अनूठी है ये परंपरा, अगले साल अच्छे मानसून का पूर्वानुमान
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1299850

Dungarpur: बारिश की भविष्यवाणी को लेकर अनूठी है ये परंपरा, अगले साल अच्छे मानसून का पूर्वानुमान

डूंगरपुर के भीलूड़ा गांव में बारिश की भविष्यवाणी को लेकर सदियों से चली आ रही अनूठी हरिया परंपरा का निर्वहन करते हुए अगले साल वर्षा योग का पूर्वानुमान लगाया गया. 

Dungarpur: बारिश की भविष्यवाणी को लेकर अनूठी है ये परंपरा, अगले साल अच्छे मानसून का पूर्वानुमान

सागवाड़ाः डूंगरपुर के भीलूड़ा गांव में बारिश की भविष्यवाणी को लेकर सदियों से चली आ रही अनूठी हरिया परंपरा का निर्वहन करते हुए अगले साल वर्षा योग का पूर्वानुमान लगाया गया. परंपरा के तहत आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद और अश्विन चार माह के नाम पानी से भरे मिट्टी के घड़ों पर लिखकर लकड़ी के बने टी आकार के हरिया पर फोड़कर आगामी वर्ष के मानसून का आंकलन किया जाता है. वहीं, हरिया परंपरा देखने और बारिश की भविष्यवाणी सुनने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं.

राजस्थान के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में रक्षाबंधन पर्व पर भीलूड़ा में परम्परागत हरिया मेले में आदिवासियों सहित ग्रामीणों ने उत्साह के साथ सदियों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन किया गया. मेले में हलिया रस्म के तहत रघुनाथ मंदिर व लक्ष्मीनारायण मंदिर में पूजा अर्चना के बाद परंपरागत रस्म की शुरुआत हुई.

अंग्रेजी वर्णमाला के टी आकार की लकड़ी हरिया की पूजा- अर्चना के बाद रघुनाथजी मंदिर परिसर में गाढ़ा गया. रघुनाथ मंदिर चौक में गढ़े लकड़ी के टी आकार के खुंटे ''हरिया की पूजा के बाद युवतियों ने रक्षासूत्र बांधें. 

इसके बाद आगामी वर्ष के मौसम की भविष्यवाणी जानने की परंपरा हुई. जिसमें अलग-अलग समाजों के चार प्रतिनिधि मिट्टी के कलशों में तालाब से पानी भरकर लाए. मिट्टी के कलशों पर वर्षा के मौसम के आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद और अश्विन चारों माह के नाम लिखे हुए थे. कलशों को हरिया की लकड़ी पर फोड़ा और टुकड़ों को इकठ्ठा कर देखा गया कि कलश पर लिखे महीनों के नामों के कितने अक्षर सुरक्षित हैं. कितने टूट चुके हैं. माह के प्रत्येक अक्षर को दस दिन का मानकर देखा गया कि अगले वर्ष का वर्षा योग क्या है? जितने शब्द टूटे हुए होते हैं, उतने दिन वर्षा योग मानकर आगामी वर्ष के वर्षा योग की घोषणा की गयी.

अगले साल ऐसा रहेगा मानसून
हालिया परंपरा के अनुसार आगामी वर्ष के वर्षा योग का आंकलन करते हुए बताया कि आषाढ़ के पहले 10 दिन बरसात रहेगी. शेष दिनों में सूखा होगा. श्रावण के पहले 20 दिन वर्षा तथा 10 दिन  सूखा, भाद्रपद के पहले 10 दिन वर्षा तथा बाद में 10 दिन सूखा ओर फिर 10 दिन वर्षा तथा अश्विन माह में पहले 20 दिन सूखा और बाकी 10 दिन बरसात संभावना जताई गई.

शौर्य का किया प्रदर्शन
इधर मौसम के भविष्यवाणी से पहले गांव का ही बरंडा परिवार के बुजूर्ग ने नाचते हुए हलिया की परिक्रमा के बाद जयघोष के बीच हलिया को उखाड़ कर मंदिर में दर्शनों के बाद मंदिर परिसर के बाहर आकर इंतजार करते युवकों को थमा दिया. दो पक्षों में बंटे कद्दावर और उत्साही युवा हलिया को आगे पीछे खींचते हुए उत्साह, उमंग और भारी हुजूम के साथ गांव के मध्य स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर तक ले गए. समूचे मार्ग पर मौजूद श्रद्धालु कौतूहल और उत्सुकता के साथ खींचातानी के इस अनूठे नजारे को देखने हजारो की संख्या में लोग पहुंचते हैं.

Reporter- Akhilesh Sharma

अपने जिले की खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

 

Trending news