Dev Anand Death Anniversary: देव आनंद साहब की पहली हिट फिल्म जिद्दी थी जो कि अशोक कुमार का फैन होने की वजह से उन्हें मिली थी. फिल्म जिद्दी की सफलता ने देव आनंद साहब को रातों-रात ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया और फिल्म इंडस्ट्री में उनकी पहचान तगड़ी बन गई. बता दें कि इसी फिल्म से किशोर कुमार ने अपनी सिंगिंग की भी शुरुआत की थी.
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Dev Anand Death Anniversary: जब-जब हिंदी सिनेमा का जिक्र किया जाएगा तब तब बॉलीवुड के सदाबहार एक्टर देव आनंद का जिक्र जरूर किया जाएगा. बॉलीवुड की दुनिया के असली स्टाइल आइकन देव आनंद की आज 100वीं जयंती है. देव आनंद साहब का जन्म साल 1923 में 26 सितंबर को गुरदासपुर में हुआ था. गले में स्कार्फ और सिर पर कैपी टोपी पहनकर जब-जब देव आनंद साहब निकलते थे तब तक लोगों के दिलों में खुशी छा जाती थी. एक बार उन्होंने बातों बातों में कहा था कि वह बॉलीवुड के लिए ताउम्र जवान रहेंगे. जी हां, यह बात उनकी एकदम सच साबित हुई. उम्र के 88 साल तक की देव आनंद साहब यूथ आइकन बन रहे. यहां तक की उन्होंने तीन पीढ़ियों की हीरोइंस के साथ फिल्मों में काम किया.
वैसे तो बॉलीवुड में तमाम हीरो-हीरोइन को लॉन्च करने में आजकल सलमान खान का नाम आगे आता है लेकिन अपने जमाने में यह काम देव आनंद साहब ने बखूबी किया था. जरा तिरछी चाल, डायलॉग डिलीवरी का एकदम अलग अंदाज और अदाएं.... देव आनंद साहब को सदाबहार एक्टर बनाए रखने पर और भी ज्यादा जोर देती थीं. देव आनंद के चेहरे ने उनके करियर में बेहद बड़ा रोल निभाया. उनकी 100वीं जयंती पर आज हम उनसे जुड़ी कुछ खास बातें आपको बताएंगे.
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जानकारी के अनुसार, बॉलीवुड के जाने-माने दिग्गज देव आनंद साहब ने लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया था. इसके बाद उन्होंने नेवी में जाने की तैयारी शुरू की थी लेकिन कमीशन के सामने इंटरव्यू में वह फेल हो गए और उनका सपना अधूरा रह गया. इसके बाद उनकी मुलाकात एक सिख टीचर से हुई तो उन्होंने देव आनंद साहब को फिल्मों में किस्मत आजमाने के लिए सजेशन दिया. बस उसी के बाद देव आनंद साहब सपनों की नगरी कही जाने वाली मुंबई पहुंच गए.
3 साल तक किया संघर्ष
बताया जाता है कि हीरो बनने के लिए मुंबई पहुंचे देव आनंद साहब को 3 साल तक संघर्ष करना पड़ा लेकिन कहीं से भी उन्हें ब्रेक नहीं मिला. एक दिन देव साहब की मुलाकात बाबू राव से हो गई, जो की एक बॉलीवुड मैगजीन के संपादक थे. बस बाबू राव ने देव आनंद साहब की सिफारिश निर्माता निर्देशक पीएल संतोषी से की. इसके बाद संतोषी ने उन्हें ऑडिशन के लिए पुणे बुलाया. इसे बदकिस्मती समझें या फिर कुछ और... इस ऑडिशन में भी देव आनंद साहब फेल हो गए लेकिन उनका लुक संतोषी को इतना पसंद आ गया कि उन्होंने अपनी फिल्म 'हम एक है' का उन्हें हीरो बना दिया और बस तभी से शुरुआत हुई देव आनंद साहब की फ़िल्मी पारी की.
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सन 1947 तक देव आनंद तीन फिल्मों में कम कर चुके थे हालांकि फिल्में छोटे बजट की थी जो की बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई. एक बार लोकल ट्रेन में देव आनंद साहब की मुलाकात मशहूर डायरेक्टर शाहिद लतीफ से हुई. वह उन दिनों बॉम्बे टॉकीज के साथ जुड़े हुए थे. इसके बाद निदेशक शाहिद ने उन्हें अशोक कुमार से मिलने के लिए सलाह दी अशोक कुमार पहले से ही देव आनंद साहब के आइडल थे जैसे ही लतीफ ने उन्हें अशोक कुमार से मिलवाने का वादा किया. वैसे ही कुछ ही समय बाद वह उन्हें लेकर भी बॉम्बे टॉकीज पहुंच गए. बताया जाता है कि देव आनंद साहब का चेहरा चॉकलेटी स्टाइल में था. अशोक कुमार को उनका लुक बेहद पसंद आया और उन्होंने देव आनंद साहब को बॉम्बे टॉकीज की फिल्म 'जिद्दी' से रीलॉन्च करने का बड़ा फैसला ले लिया लेकिन दिक्कत तो यह थी कि देव आनंद साहब प्रभात फिल्म्स के साथ कॉन्ट्रैक्ट में बंधे हुए थे. इसलिए वह बाहर की फिल्में नहीं कर सकते थे लेकिन अशोक कुमार ने अपने लेवल का इस्तेमाल करते हुए देव आनंद साहब के सारे कॉन्ट्रैक्ट फ्री करवा दिए और इसके बाद हर्जाना के तौर पर जो पैसे मांगे गए, यहां तक कि वह भी अशोक कुमार ने ही दिए थे.
बताया जाता है कि देव आनंद साहब की पहली हिट फिल्म जिद्दी थी जो कि अशोक कुमार का फैन होने की वजह से उन्हें मिली थी. फिल्म जिद्दी की सफलता ने देव आनंद साहब को रातों-रात ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया और फिल्म इंडस्ट्री में उनकी पहचान तगड़ी बन गई. बता दें कि इसी फिल्म से किशोर कुमार ने अपनी सिंगिंग की भी शुरुआत की थी. इसके बाद देव आनंद साहब किशोर कुमार के बीच तगड़ी बॉन्डिंग बन गई जो कि करीब 40 सालों तक फिल्म इंडस्ट्री पर राज करती रही.
शर्ट का पहला बटन रहता था बंद
अगर अपने देव आनंद साहब की कोई फिल्म देखी होगी तो देखा होगा कि वह हमेशा अपनी ऊपरी शर्ट का बटन बंद रखते थे. जानते हैं कि वह क्यों करते थे? ऐसा क्योंकि उनके मसल्स नहीं थे. एक बार खुद देव आनंद साहब ने कहा था कि मैं जानता हूं मेरा चेहरा तो ठीक है लेकिन बॉडी में मसल्स नहीं हैं. इसके चलते वह अपनी शर्ट का ऊपरी बटन हमेशा बंद रखते थे. बता दें कि देव आनंद साहब ने बॉलीवुड इंडस्ट्री को कई सितारे दिए. इनमें जीनत अमान, तब्बू, जैकी श्रॉफ, टीना मुनीम आदि का नाम शामिल है.
गाइड ने रातों-रात बनाया सुपरस्टार
साल 1965 में आई देव आनंद साहब की फिल्म गाइड में व्यभिचार का एंगल लोगों को दिखाया गया था. इसके चलते फिल्म काफी विवादों में रही और इसे बैन करने के लिए सेंसर बोर्ड को पत्र तक लिख दिया गया था. देव आनंद साहब की इस फिल्म को लोगों ने खूब पसंद किया और इसे भरपूर प्यार दिया था. देवानंद ने कई फिल्मों में छाप छोड़ी. इनमें जॉनी मेरा नाम, ज्वेल थीफ, तेरे घर के सामने, जब प्यार किस होता है, बॉम्बे का बाबू आदि में काम करके लोगों का दिल जीत लिया.
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