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नारी शक्ति की बनी मिसाल हॉकी वाली सरपंच नीरू यादव, विमेंस टीम बनाकर बचपन के सपनों को किया पूरा, देखें तस्वारें

राजस्थान की एक ऐसी सरपंच जिन्होंने अपने पंचायत क्षेत्र के बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए कुछ अलग ही कदम उठाया. सरपंच ने अपने गांव की बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए एक हॉकी टीम बना दी.

2020 में सरपंच बनकर आई

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2020 में  सरपंच बनकर आई

 झुंझुनू के तहसील बुहाना के ग्राम पंचायत लांबी अहीर में 2020 में  नीरू यादव सरपंच बनकर आई.  उनके आने के बाद  से ही गांव की तस्वीर  बदलने लगी है,  झुंनझुनू विकास के पथ पर आगे बढ़ चला है.  उन्होंने लड़कियों के लिए एक हॉकी की टीम बनाई. और इस टीम को बुलंदियों तक पहुंचाने केलिए ट्रेनिंग देने के लिए कोच भी अपनी ही सैलरी से रखा है. 

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नीरू यादव  महिला शक्कतिकरण  की एक बेहतरीन  मिसाल हैं. उनके काम और खेल के प्रति उमके लगाव को देखते हुए लोग उन्हें प्यार से 'हॉकी वाली सरपंच' कहते है. सरपंच नीरू यादव का मानना है कि  गांव की तरक्की के लिए  केंद्र और राज्य सरकार के बीच सरपंच एक ऐसा पुल है कि जो  विकास की योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचाता हैं.

छुपी प्रतिभाओं को दिया सही मंच

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छुपी  प्रतिभाओं को दिया सही मंच

झुनझनू के गांवों की तस्वीर को बदलने के लिए वहां छुपी  प्रतिभाओं को सही मंच तक पहुंचाने और उन्हें तराशने के लिए  वह निरंतर प्रयासरत रहती है. महिला होने के बाद भी वह  गांव के हर घर पर जाकर  बच्चों  समेत उनके माता पिता की काउंसलिंग की. नीरू यादव  का खेल और बच्चों के प्रति समर्पण का भाव देखकर गांव की लड़कियों और अन्य लोगों ने इनको "हॉकी वाली सरपंच" का नाम दे दिया.

सरकारी योजनाओं से किया गांव का कायाकल्प

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सरकारी योजनाओं से किया गांव का कायाकल्प

सरपंच नीरू यादव ने गांव अबतक गांव की तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है. नीरू यादव ने बताया कि गांव की महिलाएं केवल घर का चूल्हा-चौका करती थी. कमाई का कोई जरिया नहीं था. ऐसे में अपनी पंचायत के विकास के लिए महिलाओं के रोजगार के लिए भी काम किया. साथ ही 'सच्ची सहेली महिला एग्रो' के नाम से FPO (किसान उत्पादन संगठन) बनाया. इसे नाबार्ड की सहायता से शुरू किया था. जिससे इनके गांव में किसानों को राहत भी मिलने लगी है. इसमें किसान अनाज उगाकर देते हैं.

एमएड डिग्री होल्डर हैं नीरू यादव

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एमएड डिग्री होल्डर हैं नीरू यादव

कहते है ना अगर महिला पढ़ जाए तो उसकी आने वाली नस्लों के साथ साथ वह अपने आसपास के वातावरण को भी शिक्षित और विकासात्मक बना देती है. यह बात नीरू यादव ने सच कर दिखाई है. वह खुद बीएससी, एमएससी, बीएड, एमएड हैं इसलिए वो अच्छी तरह शिक्षा के महत्व को समझती है. कि किस तरह से इस को हथियार बनाकर गांव का विकास  होगा. इसी के बल वह अपने गांव की लड़कियों को पहचान दिलाने की पूरी कोशिश कर रही है.

बेटियों को आगे बढ़ाने की चाहत

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 बेटियों को आगे बढ़ाने की चाहत

राजस्थान की एक ऐसी सरपंच जिन्होंने अपने पंचायत क्षेत्र के बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए कुछ अलग ही कदम उठाया. सरपंच ने अपने गांव की बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए एक हॉकी टीम बना दी.