राजस्थान के हनुमानगढ़ के सांगरिया में एक प्रसूता और उसका परिवार पीएचसी के गेट पर चिल्लाता रहा, लेकिन किसी ने गेट नहीं खोला जबकि पीएचसी के अंदर लाइट जल रही थी. दर्द से करहा रही प्रसूता ने सड़क पर बच्चे को जन्म दे दिया.
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Sangaria News : राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के मिर्जावाली मेर गांव में 11 अक्टूबर की रात को प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र बंद होने के चलते वापस लौटते में सड़क प्रसव होने के मामले में आज आक्रोशित ग्रामीणों ने मिर्जावाली मेर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रदर्शन कर विरोध दर्ज करवाया और दोषी चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ के विरुद्ध कार्रवाई की मांग रखी.
ग्रामीणों का आरोप है कि 11 अक्टूबर की रात्रि को नरमा चुगाई के लिए आए मजदूर परिवार की एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई और जब परिजन उसको प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मिर्जावाली मेर में लेकर आए तो केंद्र के ताला लगा था और लाइट जल रही थी, काफी देर आवाज लगाने के बावजूद भी चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ ने क्वार्टर नहीं खोला. इसके बाद प्रसूता को गांव के एक आरएमपी चिकित्सक के पास लेकर गए मगर उसने प्रसव करवाने से इनकार कर दिया और इसके बाद सड़क पर ही प्रसूता का प्रसव हुआ.
फिलहाल जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं, और रावतसर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचाराधीन है, वहीं इस मामले में पीएचसी मिर्जावाली मेर प्रभारी डॉ. नवीन गांधी ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि प्रसूता के साथ आए लोगों ने 11 अक्टूबर की पूरा मामला बताया है.
प्रसूता के परिजनों ने कहा कि उन्होंने पीएचसी स्टाफ क्वार्टर्स के बाहर काफी आवाजें लगाई, केंद्र प्रभारी का कहना है कि आरोपों में सच्चाई नहीं है क्योंकि वो और उनका स्टाफ अपने अपने क्वार्टर्स में मौजूद था, और वो आगे की पढ़ाई के चलते देर रात करीब 1 बजे तक पढ़ते हैं, उन्हें ऐसी कोई आवाज नहीं सुनी. केंद्र प्रभारी चिकित्सक ने प्रसूता के परिजनों और ग्रामीणों के आरोपों को सिरे से नकार दिया.
रिपोर्टर- मनीष शर्मा
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