Jaipur Bomb Blast Case: राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई को हुए बम ब्लास्ट में 71 लोगों की जान गई थी, लेकिन आज 16 साल भी पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिल पाया है. अब भी पीड़ितों की नम आंखें इंसाफ के इंतजार में बैठी हुई हैं.
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Rajasthan News: जयपुर शहर में आठ जगह हुए सिलसिलेवार बम ब्लास्ट की घटना को आज पूरे 16 साल हो चुके हैं. चंद मिनटों के अंतराल में हुए शहर को स्तब्ध करने वाली घटना के घाव आज भी शहरवासियों के सीने में ताजा हैं. शहर में 13 मई 2008 को हुई इस घटना के मामले में विशेष न्यायालय ने भले ही चार गुनहगारों को मृत्यु दंड़ की सजा सुनाई हो, लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने उनकी फांसी की सजा को रद्द कर उन्हें बेकसूर माना. वहीं, अब मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित चल रहा है. प्रकरण का निस्तारण नहीं होने से शहरवासियों को अब तक न्याय नहीं मिल पाया है.
16 साल बाद भी नहीं मिला इंसाफ
मामले में पुलिस ने पांच लोगों शाहबाज हुसैन, मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी, सैफुर्रहमान और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया था. जबकि कुछ अन्य आरोपियों को अब तक गिरफ्त में नहीं ले पाई है. इस मामले में पुलिस ने आठ मुकदमे दर्ज किए थे और इन सभी में आरोपियों पर चार्ज तय होने के बाद ट्रायल हुई. मामलों में एक हजार से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद विशेष अदालत ने 18 दिसंबर 2019 को शाहबाज हुसैन को बरी करते हुए अन्य चारों को फांसी की सजा सुनाई थी. वहीं, इस आदेश के खिलाफ पेश अपील और डेथ रेफरेंस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 29 मार्च 2023 को चारों को बरी कर दिया.
फैसले के बाद जिंदा बम को लेकर फिर पेश किया आरोप पत्र
विशेष न्यायालय की ओर से फैसला सुनाने के करीब आठ माह बाद अभियोजन पक्ष ने चांदपोल हनुमान मंदिर के बाहर जिंदा मिले बम को लेकर शाहबाज हुसैन सहित बाकी चारों के खिलाफ फिर से आरोप पत्र पेश कर दिया. आरोप पत्र में मूल मामले के तथ्यों को दोहराते हुए सामान धाराएं रखी गई है. इस मामले में नाबालिग के अलावा अन्य आरोपियों को लेकर विशेष अदालत में बयान दर्ज किए जा रहे हैं, जबकि नाबालिग का मामला किशोर न्याय बोर्ड में चल रहा है. फिलहाल शाहबाज हुसैन और सरवर आजमी जमानत पर बाहर हैं.
इन्हें बनाया गया था आरोपी
जयपुर में 13 मई 2008 को हुए बम ब्लास्ट के बाद सबसे पहले 8 सितंबर 2008 को शाहबाज हुसैन उर्फ शानू निवासी मौलवीगंज, उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया गया. मोहम्मद सैफ निवासी सरायमीर, आजमगढ़ उत्तरप्रदेश को 23 दिसंबर 2008 को गिरफ्तार किया गया. मोहम्मद सरवर आजमी निवासी चांदपट्टी, आजमगढ़ उत्तरप्रदेश को 29 जनवरी 2009 को गिरफ्तार किया गया. सैफ उर्फ सैफुर्रहमान निवासी आजमगढ़ उत्तरप्रदेश को 23 अप्रेल 2009 को गिरफ्तार किया गया. वहीं, नाबालिग निवासी निजामाबाद, उत्तर प्रदेश को 3 दिसंबर 2010 को गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा कई अन्य आरोपी मामले में अभी तक फरार चल रहे हैं.
16 मिनट के अंतराल में इन जगहों पर हुए बम धमाके
1. 13 मई 2008 की शाम करीब 7.20 बजे पहला बम ब्लास्ट खंदा माणक चौक, हवा महल के सामने हुआ. इसमें 1 महिला की मौत हुई, जबकि 18 लोग घायल हुए.
2. दूसरा बम धमाका बड़ी चौपड़ के पास मनिहारों के खंदे में ताला चाबी वालों की दुकानों के पास शाम करीब 7.25 बजे हुआ, जिसमें 6 लोगों की मौत हुई. साथ ही 27 लोग घायल हुए.
3. तीसरा बम ब्लास्ट शाम करीब 7.30 बजे छोटी चौपड़ पर कोतवाली थाने के बाहर पार्किंग में हुआ. इनमें 2 पुलिसकर्मियों सहित 7 लोगों की मौत हुई, जबकि 17 लोग घायल हुए थे.
4. चौथा बम धमाका भी इसी समय दुकान नंबर 346 के सामने, त्रिपोलिया बाजार के पास हुआ. इसमें 5 लोगों की मौत और 4 लोग घायल हुए थे.
5. पांचवां बम धमाका चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर के बाहर पार्किंग स्टैंड पर शाम 7.30 बजे हुआ. इनमें सबसे ज्यादा 25 लोगों की मौत हुई, जबकि 49 लोग घायल हुए.
6. छठा बम ब्लास्ट जौहरी बाजार में पीतलियों के रास्ते की कार्नर पर नेशनल हैंडलूम के सामने शाम करीब 7.30 बजे हुआ. इनमें 8 लोगों की मौत और 19 लोग घायल हुए.
7. सातवां बम धमाका शाम 7.35 बजे छोटी चौपड़ पर फूलों के खंदे में हुआ. इसमें 2 लोगों की मौत और 15 लोग घायल हुए.
8. आठवां बम धमाका जौहरी बाजार में सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के बाहर शाम 7.36 बजे हुआ. इसमें 17 लोगों की मौत हुई जबकि 36 लोग घायल हुए.
9. नौवे ब्लास्ट की कोशिश दुकान नंबर 17 के सामने चांदपोल बाजार में एक गेस्ट हाउस के बाहर करने की थी। बम में रात 9 बजे का टाइम सेट था, लेकिन 15 मिनट पहले बम स्कॉड टीम ने उसे डिफ्यूज कर दिया था.
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