राजस्थान न्यूज: आधार में दर्ज जन्मतिथि को मान्यता नहीं देने के बाद बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि अब पेंशन सहित कई योजनाएं व ऐसे काम जहां लोगों के पास जन्म का कोई प्रमाणपत्र नहीं है.उनका क्या होगा?
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Aadhaar Card Update: किसी भी दस्तावेजों में जन्म तिथि के लिए अब आधार कार्ड पर लिखी जन्म तिथि मान्य नहीं होगी. संबंधित दस्तावेज के साथ अब जन्म प्रमाण पत्र पेश करना जरूरी होगा तभी संबंधित दस्तावेज, आवेदन मान्य होगा. यह नई व्यवस्था इसी माह से लागू हो गई है. इसे भारतीय विशिष्ट पहचान पत्र (यूआईएडीएआई) ने शुरू किया है. यह कदम आधार में जन्म दिनांक में संशोधन कराकर तारीख, महीना, वर्ष बदलकर होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए उठाया गया है.
आधार कार्ड अब जन्म तिथि का प्रमाण नहीं होगा.कहीं आपको जन्म तिथि का प्रमाण देना है, तो जन्म प्रमाणपत्र देना अनिवार्य होगा. आधार कार्ड बनाने वाली संस्था ने एक दिसंबर से यह बदलाव कर दिया है. सूचना आधार कार्ड पर भी अंकित की जा रही है. नया आधार कार्ड डाउन लोड करेंगे तो लिखा हुआ आएगा,मतलब अब आधार कार्ड में लिखी जन्म तिथि मान्य नहीं होगी. उसके साथ आपको जन्म प्रमाण पत्र पेश करना होगा.
दरअसल, आधार कार्ड में जन्म तिथि दिनांक में संशोधन कराकर, तारीख, महीना व वर्ष बद कर होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है.नए नियम के साथ ही अब स्कूल कॉलेज में एडमिशन हो या पासपोर्ट बनवाना सभी जगह आधार सिर्फ पहचान दस्तावेज के रूप में काम आएगा.जन्म दिनांक सत्यापन के लिए जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा.
आधार में दर्ज जन्मतिथि को मान्यता नहीं देने के बाद बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि अब पेंशन सहित कई योजनाएं व ऐसे काम जहां लोगों के पास जन्म का कोई प्रमाणपत्र नहीं है.उनका क्या होगा, क्योंकि बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनके पास अपनी उम्र का कोई प्रमाणपत्र नहीं है.फिलहाल अधिकांश योजनाएं जनआधार से जुड़ी हैं और जनआधार सिर्फ आधार कार्ड के जरिए ही बन सकता है.
दरअसल आधार में जन्मतिथि और नाम बार-बार चेंज कराकर लोग पेंशन योजना, प्रवेश, खेलकूद प्रतियोगिता सहित विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए फर्जीवाड़ा कर रहे थे.हालांकि यूआईडीएआई ने कई बार इसे सख्त किया, लेकिन अच्छे परिणाम नहीं मिले. इसके बाद इस व्यवस्था में नया बदलाव किया है.गौरतलब हैं कि आधार प्रोजेक्ट की शुरुआत 2009 में हुई थी. इसके बाद आधार कार्ड को विशिष्ट पहचान पत्र मानते हुए सभी सुविधाएं आधार कार्ड से जोड़ दी गई थी.
जिसका आधार कार्ड नहीं हो, उसे सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल सकता लेकिन आधार कार्ड में नाम परिवर्तन, जन्म दिनांक, महीना व वर्ष बदलने की सुविधा के चलते लोग फर्जी तरीके से बार-बार संशोधन करा रहे थे. इसे रोकने के लिए बदलाव किया गया है.आधार कार्ड अब सिर्फ पहचान का दस्तावेज माना जाएगा.इससे पहले यूआईडीएआई ने आधार कार्ड में नाम के लिए दो बार और जन्म दिनांक के लिए एक बार संशोधन का विकल्प दिया था.
बहरहाल, विशिष्ट पहचान पत्र (यूआईएडीएआई) लगातार बदलाव की दिशा में काम कर रहा हैं. फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं. पहले यूआईडीएआई ने आधार में जन्म दिनांक, नाम बदलने के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सॉफ्टवेयर में बदलाव कर आधार अपडेट करने वाले निजी सेंटरों की शक्तियां कम की. इसके तहत अब प्राइवेट आधार ऑपरेटर्स आधार में संशोधन नहीं कर सकेंगे.
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