कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President of Congress) के चुनाव में सीएम अशोक गहलोत उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक हैं. ऐसे में वह प्रचार के लिए ओपन हैं, लेकिन अगर सीएम गहलोत की अपील पर कोई आपत्ति आती है तो उसका निर्णय केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण कर सकता है.
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Jaipur: 17 अक्टूबर को होने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President of Congress) के चुनाव में अब महज तीन दिनों का समय शेष है, लेकिन अभी तक अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे दोनों नेता जयपुर दौरे पर नहीं आए हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और शशि थरूर (Shashi Tharoor) का जयपुर आने का कार्यक्रम तय नहीं हो पाया है.
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प्रदेश कांग्रेस कमेटी को उनके दौरे को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है. अलबत्ता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने मल्लिकार्जुन खड़गे के चुनाव प्रचार की कमान जरूर संभाली रखी है. अशोक गहलोत मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक भी रहे हैं और अब मुख्यमंत्री ने उनको वोट करने के लिए PCC डेलीगेट से अपील भी की है. हालांकि उनकी इस अपील पर पार्टी के संविधान के मुताबिक सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी अपील में कहा है कि मैं उम्मीद करता हूं जो भी डेलीगेट हैं वो भारी बहुमत से मल्लिकार्जुन खड़गे को कामयाब करेंगे. कामयाब होने के बाद में वो हम सबका मार्गदर्शन करेंगे और कांग्रेस मजबूत होकर प्रतिपक्ष के रूप में उभर कर सामने आएगी. उन्होंने कहा कि यह मेरी सोच है, मेरी शुभकामनाएं हैं खड़गे साहब भारी मतों से कामयाब हों.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कि इस अपील के बारे में कहा जा रहा है कि चुनाव नियमों के मुताबिक़ clp लीडर और सीएम प्रचार नहीं कर सकता. गाइडलाइन के 3 नम्बर पॉइंट्स पर इसका हवाला दिया गया है, लेकिन पीसीसी कार्यालय प्रभारी सचिव राम सिंह कस्वा ने कहा है कि सीएम अशोक गहलोत मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक हैं, प्रस्तावक वो पहला व्यक्ति होता है, जो नामांकन से उम्मीदवार के साथ होता है. ऐसे में प्रस्तावक खुलकर उम्मीदवार के पक्ष में वोट देने की अपील कर सकता है. सीएम गहलोत ने खड़गे के पक्ष में नियमों के तहत ही अपील की है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस अपील से माना जा रहा है कि राजस्थान से अधिकांश PCC डेलीगेट्स के वोट मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) के पक्ष में जाएंगे, इससे पहले खड़गे वॉइस मौसेज था और एक तिथि के जरिए भी PCC के डेलीगेट से अपील कर चुके हैं, लेकिन हैरानी की बात ये है कि अन्य राज्यों में लगातार सक्रिय तौर पर दौरे करने वाले शशि थरूर भी जयपुर नहीं आए हैं, और न ही उनके पक्ष में जयपुर में किसी तरह की कोई स्वर सुनाई दे रहे हैं.
अशोक गहलोत मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक
राजस्थान के पीआरओ राजेंद्र सिंह कुंपावत ने कहा है कि वैसे तो सीएम अशोक गहलोत उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक हैं ऐसे में वह प्रचार के लिए ओपन हैं, लेकिन अगर सीएम गहलोत की अपील पर कोई आपत्ति आती है तो उसका निर्णय केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण करेगा. उम्मीदवारों के नहीं आने और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) के ही खड़गे के पक्ष में चुनाव प्रचार की कमान संभालने के बीच अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी में मतदान की तैयारियां शुरू हो गई हैं. 1998 के बाद 17 अक्टूबर को होने जा रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में मतदान 17 अक्टूबर को राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में होगा.
PCC में आकर तैयारियों जायजा लिया
लेकिन मतदान की जिम्मेदारी इस बार प्रदेश कांग्रेस या प्रदेश सरकार का नेतृत्व संभालने वाले प्रमुख नेताओं के हाथ में न होकर राजस्थान के पीआरओ राजेंद्र सिंह कुंपावत और एपीआरओ के पास होगी. इसकी वजह ये है कि ज्यादातर बड़े नेता खुद प्रदेश कांग्रेस के सदस्य के नाते वोटर हैं. ऐसे में चुनाव प्रभावित न हों, इसके लिए कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में राजस्थान की जिम्मेदारी संभालने वाले नेताओं को दूर रखा जाएगा. चुनाव की जिम्मेदारी में सहयोग करने के लिए और नए चेहरों का सहयोग लिया जाएगा.
पदाधिकारियों ने शुक्रवार को PCC में आकर तैयारियों जायजा लिया और आवश्यक दिशा निर्देश दिए. कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के फैसले को लेकर 17 अक्टूबर को जयपुर पार्टी दफ्तर में मतदान होगा. 16 अक्टूबर को मत पेटियां दिल्ली से लेकर एपीआरओ जयपुर पहुंचेंगे, जहां प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 400 सदस्य सहित 414 वोटर मतदान करेंगे. इनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व अध्यक्ष और पूर्व नेता प्रतिपक्ष नेता भी शामिल हैं. मतदान के तुरंत बाद पीआरओ और एपीआरओ मत पेटियों को अपने साथ दिल्ली ले जाएंगे और 19 को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे.
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